रुक नहीं रहा 'ब्लू व्हेल' का खूनी खेल, अब पश्चिम बंगाल में ली छात्र की जान
खूनी खेल 'ब्लू व्हेल' के तहत खेलने वालों को 50 दिनों का टास्क दिया जाता है, जिन्हें पूरा करना जरूरी होता है। गेम के अंत में आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है।
कोलकाता, ब्यूरो। रूस में एक सिरफिरे द्वारा 2013 में तैयार किए गए जानलेवा ऑनलाइन मोबाइल गेम 'ब्लू व्हेल' ने पश्चिम बंगाल में भी अपना खूनी जबड़ा खोल दिया। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के आनंदपुर इलाके में शनिवार को 10वीं के एक छात्र ने अपने घर के बाथरूम में गले में फंदा लगाकर जान दे दी।
मृतक का नाम अंकन डे (14) है। अंकन के एक दोस्त का कहना है कि उसे 'ब्लू व्हेल' खेलने की लत थी। मृतक के परिवार के एक सदस्य के मुताबिक, उसका सिर प्लास्टिक बैग से ढंका था और गर्दन के पास उसने उसे कसकर बांध रखा था, जिसे देखकर अनुमान है कि वह 'ब्लू व्हेल' गेम में दिए गए किसी टास्क को कर रहा था।
मृतक के पिता गोपीनाथ डे ने बताया कि शनिवार को जब उनका बेटा काफी देर तक शौचालय से नहीं निकला तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर दरवाजा तोड़ दिया गया। अंदर उनके बेटे की फंदे से लाश लटक रही थी। पता चला है कि अंकन अपने पिता के डेस्कटॉप पर यह गेम खेला करता था।
इससे पहले एक अगस्त को मुंबई में 14 साल के मनप्रीत सिंह ने भी जान दे दी थी। मनप्रीत ने 'ब्लू व्हेल' चैलेंज के आखिरी डेयर को पूरा करने के लिए अपने अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल से छलांग लगा दी थी। इसी तरह इंदौर में 10 अगस्त को सातवीं कक्षा के एक छात्र ने एक निजी स्कूल की इमारत की छत से छलांग लगाने की कोशिश की थी, लेकिन उसके दोस्तों ने उसे बचा लिया।
बता दें कि इस खूनी खेल 'ब्लू व्हेल' के तहत खेलने वालों को 50 दिनों का टास्क दिया जाता है, जिन्हें पूरा करना जरूरी होता है। गेम के अंत में आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है। कुछ लोग इस टास्क को पूरा करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं और अपनी जिंदगी खत्म कर लेते हैं।
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