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पश्चिम बंगाल का नाम बदलने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्‍य के नाम बदलने वाले प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद इसको केंद्र को भेजा जाएगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 03:43 AM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 05:09 AM (IST)
पश्चिम बंगाल का नाम बदलने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित

कोलकाता (राज्य ब्यूरो्) राज्य विधानसभा में सोमवार को पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला भाषा में 'बांग्ला', अंग्रेजी में 'बेंगाल' तथा हिंदी में 'बंगाल' करने संबंधी प्रस्ताव 189-31 वोट से पारित हो गया। यानी पक्ष में 189 और विपक्ष में 31 मत पड़े। कांग्रेस ने नाम परिवर्तन का विरोध करते हुए वाकआउट किया तथा वाममोर्चा विधायक मतदान में हिस्सा लेने के बाद सदन से बाहर चले गए। दूसरी ओर भाजपा के तीन विधायकों ने भी विरोध किया।

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पश्चिम बंगाल का नाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसलिए बदलना चाहती हैं क्योंकि राज्यों की सूची में वेस्ट बंगाल का नाम सबसे आखिर में आता है। पिछले दिनों जब दिल्ली में अंतरराज्यीय परिषद की बैठक हुई थी तो ममता को अपनी बारी आने के लिए करीब छह घंटे इंतजार करना पड़ा था। उसी दिन उन्होंने कहा था कि डब्ल्यू से राज्य का नाम शुरू होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है। इसके बाद जब वह कोलकाता लौटीं तो नाम बदलने की दिशा में कदम आगे बढ़ाने का निर्देश दे दिया।

ममता व उनके मंत्रियों का तर्क है कि राष्ट्रीय अथवा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में पश्चिम बंगाल (वेस्ट बंगाल) की बारी सबसे आखिर में आती है। अब जब बंगाल हो जाएगा तो उनके राज्य का नाम काफी ऊपर आ जाएगा। ममता ने कुछ हफ्ते पहले ही घोषणा की थी कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पारित कराया जाएगा। वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने सभी भाषा में राज्य का एक ही नाम बांग्ला करने के लिए संशोधन प्रस्ताव पेश किया, लेकिन उस पर मतविभाजन के बाद वह खारिज हो गया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने जवाबी भाषण में जब राज्य का नाम बांग्ला करने के पीछे तर्क दिया तो विपक्षी दलों ने विरोध किया। मुख्यमंत्री के भाषण शुरू करते ही कांग्रेस सदस्यों ने वाकआउट किया। वाममोर्चा के सदस्यों ने अंत में जब उनका संशोधन प्रस्ताव खारिज हुआ तो उन्होंने वाकआउट किया। राज्य का नाम बदलने के लिए सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर हुई बहस में विपक्षी दलों ने भाग लिया, लेकिन उस पर सहमति नहीं जताई।

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प्रस्ताव पारित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में ममता ने कहा-'पश्चिम बंगाल का नाम परिवर्तन होने से सभी खुश होंगे। विधानसभा ने नाम परिवर्तन पर मुहर लग गई है। पश्चिम बंगाल के लोगों ने 'बांग्ला' नाम को स्वीकार किया है। हमने भी उसी को महत्व दिया है। कांग्रेस, माकपा और भाजपा राज्य का नाम बदलने का विरोध कर रहे हैं। विरोधी दल अगर सिर्फ विरोध के लिए ऐसा कर रहे हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।'

ममता ने कहा कि तृणमूल सरकार अब इस प्रस्ताव को केंद्र के पास भेजेगी क्योंकि इसे संसद में मंजूरी मिलना जरुरी है। बाद में ममता ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से टेलीफोन पर बात की और कहा कि नाम परिवर्तन प्रस्ताव पर तत्काल केंद्रीय मंत्रिमंडल में मुहर लगाए जाने के बाद संसद में पेश कर नाम परिवर्तन की अनुमति दी जाए।

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