युवा आबादी का फायदा लेने के लिए बदलनी होंगी नीतियां
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट 'स्टेट आफ वर्ल्ड पॉपुलेशन-2014' में युवा आबादी की अहमियत पर जोर दिया है। यूएनएफपीए की उप कार्यकारी निदेशक केट गिलमोरे का हालांकि कहना है कि युवा आबादी का फायदा लेने के लिए हमें अपनी नीतियां बदलनी होंगी। उन्होंने बेरोजगारी और लड़कियों
नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट 'स्टेट आफ वर्ल्ड पॉपुलेशन-2014' में युवा आबादी की अहमियत पर जोर दिया है। यूएनएफपीए की उप कार्यकारी निदेशक केट गिलमोरे का हालांकि कहना है कि युवा आबादी का फायदा लेने के लिए हमें अपनी नीतियां बदलनी होंगी। उन्होंने बेरोजगारी और लड़कियों के प्रति भेदभाव दूर करने को भी जरूरी बताया।
यूएनएफपीए की रिपोर्ट के साथ ही यहां जनसंख्या और विकास पर हो रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के संदर्भ में 'दैनिक जागरण' ने यूएनएफपीए की उप कार्यकारी निदेशक केट गिलमोरे से बातचीत की। पेश हैं उसके अंश:-
रिपोर्ट में युवा आबादी पर इतनी तवज्जो क्यों?
हम पहली बार ऐसी दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं, जब दुनिया में सबसे अधिक युवा आबादी मौजूद होगी। हमें यह अच्छी तरह समझना होगा कि इतिहास में पहली बार आ रही ऐसी स्थिति की अहमियत क्या होगी? हमें यह भी समझना होगा कि इसके लिए हमें अपनी नीतियों में कैसे बदलाव लाने होंगे।
इस अंतरराष्ट्रीय बैठक से क्या नतीजे मिल सकते हैं?
यह बहुत अहम बैठक है। विकासशील देशों के बीच चर्चा में खास तौर पर भारत और चीन की अहम भूमिका होती है। यहां इस संबंध में एक साथ बैठकर तकनीकी चर्चा हो रही है। उम्मीद है कि सभी भागीदार देश आपसी सहमति के साथ एक घोषणापत्र पर दस्तखत करेंगे। आने वाले समय में यही दस्तावेज रास्ता दिखाएगा।
भारत में डेमोग्राफिक डिविडेंट की इतनी चर्चा है। वास्तविकता क्या है?
भारत में युवा आबादी की बहुत बड़ी तादाद है। कुछ वर्षो में युवा जनसंख्या के मामले में चीन आगे निकल जाएगा। लेकिन, तब भी भारत और चीन में मिलकर दुनिया की एक तिहाई युवा आबादी होगी। भारत को अपनी युवा आबादी का फायदा पाने के लिए तत्काल गंभीर शुरुआत करनी होगी। देश के विकास के लिए भी यह बहुत जरूरी है।
इस संदर्भ में भारत को क्या कदम उठाने की जरूरत है?
आप जब डेमोग्राफिक डिविडेंट्स की बात करते हैं तो यह समझना होगा कि लाभांश पाने के लिए पहले निवेश करना होता है। आपको युवा आबादी पर निवेश करना होगा। भारत अपनी मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था, कानून के शासन और समर्पित सरकार के दम पर इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार को लेकर तैयारी करनी होगी। साथ ही लड़कियों के साथ भेदभाव दूर करना होगा।