'हर खेत को पानी' की योजना ने पकड़ी रफ्तार
सूखे से त्रस्त किसानों को राहत देने वाली केंद्र सरकार की 'हर खेत को पानी' पहुंचाने की योजना ने रफ्तार पकडऩी शुरु कर दी है। केंद्र के निर्धारित लक्ष्य से दोगुना जिलों ने अपनी सिंचाई योजना का मसौदा तैयार कर भेज दिया है।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। सूखे से त्रस्त किसानों को राहत देने वाली केंद्र सरकार की 'हर खेत को पानी' पहुंचाने की योजना ने रफ्तार पकडऩी शुरु कर दी है। केंद्र के निर्धारित लक्ष्य से दोगुना जिलों ने अपनी सिंचाई योजना का मसौदा तैयार कर भेज दिया है। प्रधानमंत्री मोदी बार-बार बूंद-बूंद पानी के उपयोग वाली प्रौद्योगिकी को अपनाने पर जोर दे रहे हैैं। राज्यों के सहयोग से चलने वाली प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को चालू वित्त वर्ष में जोर पकड़ाने की कवायद तेज कर दी गई है।
कृषि सिंचाई योजना के पहले चरण में सूखाग्रस्त जिलों के साथ उन जिलों में सिंचाई योजना चालू की जाएंगी, जहां पुरानी सिंचाई परियोजनाएं लंबित पड़ी हुई हैं। दस राज्यों के 265 जिले सूखे की चपेट में हैं, जहां खेती के लिए सिंचाई की जबर्दस्त जरूरत है। जबकि वहां सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक मार्च 2016 तक जहां एक सौ जिलों का सिंचाई प्लान तैयार करने का लक्ष्य था, उसके मुकाबले 235 जिलों की सिंचाई योजना बना ली गई है।
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कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष 2016-17 के आखिर तक 654 जिलों की सिंचाई योजना तैयार होकर पहुंच जाएगी। देश के सभी जिलों की सिंचाई योजना का प्रारुप तैयार होने के बाद केंद्रीय स्तर पर योजना को अंतिम रूप देने में और सहूलियत हो जाएगी। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के आम बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लंबित 89 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने को प्राथमिकता दी है। आम बजट में 23 सिंचाई परियोजनाओं को तो इसी साल पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को गति पकड़ाने के लिए पहले चरण में सरकार ने इन 23 परियोजनाओं के कैचमेंट क्षेत्र वाले जिलों को शामिल लिया है। इसके अलावा सूखाग्रस्त जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी।