राजमार्ग के निर्माण में इस्तेमाल होगा दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट का कचरा
निगम आयुक्त मोहनजीत सिंह ने बताया कि पूर्वी निगम के कचरे का अब इस्तेमाल राजमार्गो के निर्माण में किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : गाजीपुर लैंडफिल साइट पर करीब 80 लाख टन कचरा मौजूद है। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है, लेकिन अब इससे लोगों को राहत मिलने वाली है। पूर्वी निगम ने कचरे के निपटारे का रास्ता निकाल लिया है। यहां मौजूद कचरे का इस्तेमाल अब राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने में किया जाएगा। इस संबंध में दिल्ली के पूर्वी निगम, शहरी विकास मंत्रालय, सड़क व राजमार्ग मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं।
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निगम आयुक्त मोहनजीत सिंह ने बुधवार को बताया कि पूर्वी निगम के कचरे का अब इस्तेमाल राजमार्गो के निर्माण में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि करीब 30 एकड़ में फैले गाजीपुर लैंडफिल साइट पर स्थित कचरे को प्रसंस्करण कर सड़क के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के रूप में तब्दील किया जाएगा। समझौते के मुताबिक एनएचएआइ इस सामग्री का इस्तेमाल एनएच-9 (पूर्व में एनएच-24) के अलावा अन्य राजमार्गो के निर्माण में करेगा। कचरे के प्रसंस्करण के बाद ऐसी सामग्री जिसका राजमार्ग बनाने में इस्तेमाल नहीं हो सकता, उसे निगम वापस लेगा और उसका निस्तारण करेगा।
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गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कचरे की अधिकतम सीमा 2002 में ही पार हो गई थी। आज कचरे के ढेर की ऊंचाई 50 मीटर से ऊपर हो गई है। उन्होंने कहा कि कचरे के प्रसंस्करण से निकले तरल पदार्थ को सीवर में निस्तारित किया जाएगा। परियोजना पूरी होने तक गाजीपुर लैंडफिल साइट एनएचएआइ के पास ही रहेगा। इसके बाद वापस इसे निगम को सौंप दिया जाएगा। इस पर काफी शोध कार्य हो चुका है। इसके बाद ही समझौते पर ही मुहर लगी है। यह योजना जनहित में काफी कारगर साबित होगा। साथ ही निगम को लैंडफिल साइट पर फैले कचरे को कम करने में मदद मिलेगी।