मुफ्त दूध चाहिए तो बनना होगा डेयरी मंत्री
अगर आपको मुफ्त दूध खाना हो तो डेयरी मंत्री बनना पड़ेगा। ऐसा हम नहीं बल्कि राज्य के कृषि, पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री मधुकर देवराव चव्हाण संदेश दे रहे हैं। मंत्री जी के यहां डेयरी वाले रोज पांच लीटर दूध, 15 बोतल लस्सी और 15 बोतल बंद दूध पहुंचाते हैं, वह भी बिल्कुल मुफ्त।
विनोद कुमार मेनन, मुंबई। अगर आपको मुफ्त दूध लेना हो तो डेयरी मंत्री बनना पड़ेगा। ऐसा हम नहीं बल्कि राज्य के कृषि, पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री मधुकर देवराव चव्हाण संदेश दे रहे हैं। मंत्री जी के यहां डेयरी वाले रोज पांच लीटर दूध, 15 बोतल लस्सी और 15 बोतल बंद दूध पहुंचाते हैं, वह भी बिल्कुल मुफ्त।
विभाग के कैबिनेट मंत्री के अलावा राज्यमंत्री गुलाब राव देवकर भी इस मुफ्त सुविधा का उपभोग कर रहे हैं। दोनों के सरकारी आवास पर सुबह वर्ली के आरे डेयरी से दो दल आता है और सामान की डिलीवरी कर चला जाता है।
देवकर के एक कर्मचारी से यह पूछने पर कि इसके लिए पैसे का भुगतान किया जाता है, वह बड़े शान से कहता है, क्या पेमेंट? साहब राज्यमंत्री हैं। डेयरी के एक कर्मचारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, सुबह नौ से साढ़े नौ बजे के बीच दोनों मंत्रियों के सरकारी आवास पर गाड़ी जाती है। इसमें 10 लीटर दूध, 200 मिली के 30 बोतल लस्सी और 200 मिली के 300 बोतल बंद दूध भेजा जाता है। उसने बताया कि इस सामान को रजिस्टर पर कहीं भी चढ़ाया नहीं जाता और न ही इसका कोई बिल बनता है। बिना गेट पास या रसीद के ही गाड़ी डेयरी से निकलती है। डेयरी के तीन कर्मचारी दोनों मंत्रियों के घर तक दूध एवं दूध उत्पाद पहुंचाते हैं।
राज्य दूध वितरण एवं परिवहन एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नाइक ने बातचीत में स्वीकार किया कि मंत्रियों के यहां सप्लाई वर्षो से जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डेयरी के दो कर्मचारी मंत्री के आवास पर नौकर हैं और उनके वेतन का भुगतान डेयरी के द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि डेयरी की गाड़ी का प्रयोग मंत्री के कर्मचारी के निजी कार्यो के लिए भी किया जाता है।
उधर, डेयरी विकास आयुक्त डी डी कुलकर्णी ने कहा कि मंत्री के आवास पर सप्लाई तभी जाता है जब कोई मीटिंग होती है। प्रतिदिन सामान भेजे जाने की बात गलत है।
[मिड डे]
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