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व्यापमं की आंच से बचने में जुटी भाजपा

व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौतों को लेकर सतर्क भाजपा दबाव में दिखने के बजाय कानूनी और मानवीय पहलू को सामने रखकर क्षतिपूर्ति में जुट गई है। एक तरफ इसने स्पष्ट कर दिया है कि जांच की निगरानी कर रहा हाई कोर्ट चाहे तो सीबीआइ जांच हो सकती है। वहीं दूसरी

By Sachin kEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 12:05 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 10:44 AM (IST)
व्यापमं की आंच से बचने में जुटी भाजपा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौतों को लेकर सतर्क भाजपा दबाव में दिखने के बजाय कानूनी और मानवीय पहलू को सामने रखकर क्षतिपूर्ति में जुट गई है। एक तरफ इसने स्पष्ट कर दिया है कि जांच की निगरानी कर रहा हाई कोर्ट चाहे तो सीबीआइ जांच हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट से यह अपील भी की जाएगी कि व्यापम में उलझे बच्चों पर कोई आपराधिक कार्रवाई न की जाए।

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ललित मोदी प्रकरण के ठंडा पड़ते ही व्यापमं की आंच ने भाजपा को परेशान कर दिया है। लेकिन पिछले विवाद की तर्ज पर पार्टी आक्रामक लहजे में ही इस संकट से भी उबरना चाहती है। लिहाजा दबाव में सीबीआइ जांच से सरकार ने इन्कार कर दिया है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह संकेत भी दे दिया है कि सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट चाहे तो सीबीआइ जांच करवा सकती है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले ही एक पीआइएल खारिज हो चुकी है। कोर्ट को लगेगा कि एसआइटी जांच संतोषप्रद नहीं है और इसकी जांच दूसरी एजेंसी से हो तो हमें कोई परहेज नहीं है। दरअसल सरकार यह संदेश दे रही है कि वह सीबीआइ जांच से भी असहज नहीं है, लेकिन किसी भी दबाव में आकर कोर्ट के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेगी।

संसद सत्र की तैयारी
आगामी संसद सत्र पर व्यापम की छाया पडऩे के आसार को देखते हुए तर्क भी तैयार कर लिए गए हैैं। पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, 'विपक्ष अपने मन की रिपोर्ट चाहता है। वह कोर्ट की जांच पर भी उंगली उठा रहा है। कल को सीबीआइ पर केंद्र के दबाव का आरोप लग सकता है। फिलहाल निष्पक्ष रूप से हाई कोर्ट की निगरानी में जांच हो रही है। अब कोर्ट अगर चाहेगा कि किसी दूसरी एजेंसी को भी शामिल किया जाए तो हमें एतराज नहीं।

मानवीय पहलू की ढाल
भाजपा ने मानवीय आधार पर भी बढ़त बनाने की तैयारी कर ली है। एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी हाई कोर्ट से निवेदन करेगी कि व्यापमं के जाल में उलझे बच्चों पर कोई आपराधिक कार्रवाई न की जाए। उनका नामांकन या नौकरी निरस्त किया जा सकता है, लेकिन उन्हें कानूनी सजा न दी जाए।

यह घटना दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसका व्यापमं घोटाला या उसकी जांच से कोई संबंध नहीं है। ऐसी सभी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को व्यापमं से जोडऩा न्यायसंगत नहीं है।
-शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री

महिला प्रशिक्षु एसआइ की सागर में मौत

नई दुनिया ब्यूरो, भोपाल। व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौत का सिलसिला सोमवार को लगातार तीसरे दिन जारी रहा। व्यापमं द्वारा चयनित एक प्रशिक्षु पुलिस सब-इंस्पेक्टर अनामिका सिकरवार (25) सोमवार को सागर में पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के निकट एक झील में मृत पाई गई।

पुलिस ने इसे संदिग्ध आत्महत्या का मामला बताते हुए स्पष्ट किया है कि वह व्यापमं घोटाला की संदिग्ध लाभार्थी नहीं थी। आइजी व अकादमी के इंचार्ज निदेशक केपी खरे ने कहा कि इस मामले का व्यापमं घोटाले से कोई संबंध नहीं है। हालांकि लगातार तीन दिनों से हो रही मौतों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। खासतौर से कांग्रेस का तेवर और तल्ख हो गया है।

पार्टी ने निष्पक्ष जांच के साथ ही मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'व्यापमं द्वारा चयनित प्रशिक्षु पुलिसकर्मी ने सागर पुलिस अकादमी में आत्महत्या की है। 46वीं या 47वीं (मौत)?

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