Move to Jagran APP

फ्रांस का राष्ट्रपति चुनने को पुडुचेरी में भी पड़े वोट

फ्रांस का राष्ट्रपति चुनने के लिए रविवार को केंद्र शासित प्रदेश पडुचेरी में वोट डाले गए।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 09:15 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 09:15 AM (IST)
फ्रांस का राष्ट्रपति चुनने को पुडुचेरी में भी पड़े वोट
फ्रांस का राष्ट्रपति चुनने को पुडुचेरी में भी पड़े वोट

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। फ्रांस का राष्ट्रपति चुनने के लिए रविवार को भारत में भी वोट डाले गए। चौंकिये नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में करीब 4,600 ऐसे लोग रहते हैं, जिन्हें फ्रांस की नागरिकता प्राप्त है। इस वजह से मतदान में इन लोगों ने भी भाग लिया। हालांकि इनमें से कई लोग काफी अशक्त और वृद्ध हो चुके हैं। ऐसे में मतदान स्थल पर उनके लिए विशेष प्रबंध किए गए थे।

prime article banner

उधर, फ्रांस में पहले चरण के बाद जारी चुनाव सर्वेक्षणों में दक्षिणपंथी मेरिन ले पेन और उदार मध्यमार्गी एमानुएल मैक्रोन आगे बताए जा रहे हैं। यदि ऐसा होता है सात मई को इन दोनों के बीच मुकाबला होगा। चुनाव पूर्व अनुमानों में भी इन्हीं दोनों उम्मीदवारों के जीतने की उम्मीद जताई गई थी। चुनाव मैदान में कुल 11 उम्मीदवार हैं।

इससे पहले फ्रांस में बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान किया। मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ। राजधानी पेरिस में तीन दिन पहले ही पुलिस को निशाना बनाकर हमला किया गया था। इससे पहले भी फ्रांस कई आतंकी हमलों का शिकार हो चुका है। इसे ध्यान में रखते हुए मतदान के दौरान भारी तादाद में पुलिस बल और सुरक्षाकर्मी तैनात थे। फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव पर दुनिया भर की नजरें टिकी हैं, क्योंकि इसका परिणाम यूरोप के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

मौजूदा राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव मैदान में नहीं उतरे हैं। वह फ्रांस के आधुनिक इतिहास में ऐसा करने वाले पहले नेता हैं।

1670 से 1954 तक फ्रांसीसी उपनिवेश था पुडुचेरी

चेन्नई से करीब 162 किलोमीटर दूर पुडुचेरी वर्ष 1670 से 1954 तक एक प्रमुख फ्रांसीसी उपनिवेश था। पुडुचेरी में 1954 तक फ्रांसीसी प्रशासन के अधीन काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को फ्रांस की नागरिकता मिल चुकी थी। उसके बाद उनके बच्चों को भी फ्रांसीसी नागरिकता मिली। हालांकि पुडुचेरी के स्वतंत्र होने के बाद बहुत से लोग फ्रांस चले गए थे, लेकिन कइयों ने यहीं बसने का फैसला किया। उनके पास फ्रांसीसी नागरिकता तो पहले से ही थी। बाद में इन्हें भारत की भी नागरिकता मिल गई।

यह भी पढ़ें: फ्रांस राष्ट्रपति चुनाव: मैक्रोन और मेरीन ने जीता पहला राउंड, दूसरा 7 मई को

यह भी पढ़ें: फ्रांस के राष्‍ट्रपति पद के लिए मैकरॉन और ली पेन में होगी कड़ी टक्‍कर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.