आयकर दाताओं के नहीं पोंछे आंसू
एक दिन पहले ही आर्थिक समीक्षा में 'हर आंख से आंसू पोंछने' का दावा करने वाली मोदी सरकार के बजटीय प्रावधान कम से कम आम कर दाता के लिए तो ऐसी कोशिश करते हुए नहीं दिखते हैं। इसे कम होती महंगाई का असर कहें या राजस्व बढ़ाने की सरकारी जुगत,
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एक दिन पहले ही आर्थिक समीक्षा में 'हर आंख से आंसू पोंछने' का दावा करने वाली मोदी सरकार के बजटीय प्रावधान कम से कम आम कर दाता के लिए तो ऐसी कोशिश करते हुए नहीं दिखते हैं। इसे कम होती महंगाई का असर कहें या राजस्व बढ़ाने की सरकारी जुगत, वित्त मंत्री जेटली ने आय कर अदाएगी की मौजूदा सीमा बरकरार रख कर मध्यम वर्ग को काफी निराश किया है। महिला व बुजुर्ग कर दाताओं के लिए हर वर्ष होने वाली कर छूट के दायरे को भी नहीं बढ़ाया गया है। हालांकि, हेल्थ बीमा और पेंशन क्षेत्र में ज्यादा निवेश करने करने का प्रोत्साहन जरुर दिया गया है।
हर तरह के आय कर स्लैब बरकरार रखने के बावजूद जेटली का दावा है कि आम कर दाता अब सालाना तमाम तरह की छूटों के तहत 4,44,200 करोड़ रुपये की बचत कर सकता है, लेकिन कर स्लैब में छूट की उम्मीद लगाये जनता को इससे खास सांत्वना नहीं मिलेगी। होम लोन पर ब्याज पर ज्यादा आय कर छूट की उम्मीद पर भी पानी फिर गया है। बहरहाल, जेटली ने हेल्थ बीमा प्रीमियम को आय कर धारा 80डी के तहत मिलने वाली छूट की सीमा 15 से बढ़ा कर 25 हजार रुपये कर दिया गया है। बुजुर्ग नागरिकों के लिए यह सीमा 20 से बढ़ा कर 30 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। 80 वर्ष से ज्यादा आयु के ऐसे बुजुर्ग जिनके पास हेल्थ बीमा नहीं है उन्हें बीमारी पर हुए खर्चे का 30 हजार रुपये को आय कर से छूूट मिलेगी।
ट्रांसपोर्ट एलाउंस से मिलने वाली रियायत को दोगुना कर 19,200 कर दिया गया है। लेकिन एक अहम घोषणा पेंशन उत्पादों में निवेश करने को दिया गया है। इसमे 50 हजार रुपये तक का निवेश कर जनता कर छूट का फायदा उठा सकती है। अपने कर उपायों के बारे में जेटली ने कहा है कि, 'मध्यम वर्ग को कर से राहत देना हमारे आम बजट का पांचवां आधार स्तंभ है।'
आय कर दाताओं को खास राहत नहीं
* व्यक्तिगत आय कर सीमा में कोई बदलाव नहीं।
* महिलाओं व बुजुर्ग करदाताओं पर भी नहीं की इनायत।
* 25 हजार रुपये तक का हेल्थ बीमा प्रीमियम को कर राहत।
* पेंशन उत्पादों में 50 हजार रुपये के निवेश को आय कर छूट।
* ट्रांसपोर्टेशन एलाउंस के तहत छूट की सीमा दोगुनी हुई।
कर छूटों का विवरण
विवरण -- कर छूट राशि
80 सी के तहत कर छूट -- 1,50,000 रु. (जीवन बीमा प्रीमियम, पीएफ, एनएससी, एफडी, वगैरह में निवेश)
80 सीसीडी के तहत कर छूट -- 50,000 रु. (पेंशन फंड में निवेश)
होम लोन पर कर छूट -- 2,00,000 रु.
80 डी के तहत कर छूट -- 25,000 रु. (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर)
यातायात भत्ते पर छूट -- 19,200 रु.
योग -- 4,44,200 रुपये
घरेलू बचत बढ़ाने की वजह से ही नहीं दी कर रियायत: जेटली
नई दिल्ली। भारत में घरेलू बचत की दर घट कर 30 फीसद से भी नीचे आ चुकी है। यह सरकार के लिए बड़ी चिंता की बात है। वित्त मंत्री की मानें तो यह बड़ी वजह है कि उन्हें आय कर में कोई बड़ी राहत देने से परहेज किया है। इसकी जगह उन्होंने घरेलू बचत को बढ़ाने के उपाय किए हैं। कुछ वर्ष पहले तक भारत की औसत बचत दर 35 फीसद के करीब थी। इस बचत का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार राज्यों को उनके विकास परियोजनाओं के तहत देती है।
बजट के बाद अरुण जेटली ने पत्रकारों से कहा, चाहे हेल्थ बीमा पर छूट के लिए प्रीमियम की राशि बढ़ाई गई हो या पेंशन के लिए निवेश को कर छूट देने की बात, इसका एक ही मकसद है कि जनता में बचत करने की प्रवृत्ति फिर से बढ़े। बहरहाल, हेल्थ बीमा और पेंशन बीमा में ज्यादा निवेश को बढ़ावा देने की सरकार की इस कोशिश से बीमा कंपनियां बेहद प्रसन्न हैं। निजी बीमा कंपनी पीएनबी मेटलाइफ के एमडी तरुण चुग का कहना है कि अभी 80 फीसद बीमारी का खर्चा लोग अपनी पॉकेट से देते हैं, जबकि दूसरे देशों में 90 फीसद तक खर्च बीमा कंपनियां उठाती हैैं। बजट के प्रावधानों से आम जनता का बोझ भी कम होगा और बचत में भी वृद्धि होगी। इसी तरह से बीमा कंपनियां अब बेहतर पेंशन बीमा उत्पाद भी बाजार में लांच कर सकेंगी।