पत्नी के साथ अदालत में पेश हुए वीरभद्र सिंह
आय से अधिक संपत्ति मामले में मुख्यमंत्री समेत सभी आरोपियों ने दायर की जमानत याचिका
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आय से अधिक संपत्ति मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पत्नी प्रतिभा सिंह के साथ सोमवार सुबह पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत में पेश हुए। मामले में अन्य सात आरोपी भी विशेष जज विरेंद्र कुमार गोयल के समक्ष पेश हुए। इस दौरान अदालत में कड़ी सुरक्षा रही। सभी आरोपियों ने जमानत याचिका लगाई।
सीबीआइ ने याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से वक्त मांगा। सीबीआइ के जवाब के बाद ही अदालत 29 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।
एलआइसी एजेंट आनन्द चौहान वीरभद्र सिंह से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उसे भी अदालत में पेश किया गया। आज अदालत में आरोप तय करने को लेकर बहस होनी थी, जिसे सात जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है।
यह है मामला
आय से अधिक संपत्ति मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2009 से 2011 के बीच संप्रग-दो सरकार में केंद्रीय मंत्री रहते हुए 10 करोड़ रुपये की संपत्ति अवैध स्त्रोतों से अर्जित की थी। यह राशि उनकी वैध आय से 192 प्रतिशत अधिक पाई गई थी। सीबीआइ द्वारा मामले में दाखिल किए गए आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-13(2) के साथ धारा-13(1)(ई) व आइपीसी की धारा- 465 (जालसाजी) के साथ 471 (फर्जी दस्तावेज को सही बताकर प्रस्तुत करना) के तहत समन जारी किया था। इसी तरह उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा-109(अपराध के लिए उत्तेजित करना) के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-13(2) व 13(1)(ई) के तहत समन जारी किया गया।
एलआइसी एजेंट आनन्द चौहान, चुन्नीलाल चौहान सहित अन्य आरोपी जोगेंद्र सिंह, प्रेम राज, लवन कुमार, वकमुल्ला चंद्रशेखर व राम प्रकाश भाटिया के खिलाफ धारा-465 के साथ 471 के तहत पेशी समन जारी किया गया था। अदालत ने माना था कि प्रथम दृष्टि सीबीआइ द्वारा आरोपी बनाए गए सभी के खिलाफ आरोप बनता है। ऐसे में उन्हें निजी तौर पर बतौर आरोपी अदालत में पेश होना ही होगा।
सीबीआइ ने पेश किया था 500 पेज का आरोपपत्र
सीबीआइ ने गत 31 मार्च को मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी सहित कुल नौ लोगों के खिलाफ 500 से अधिक पेज का आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र में कुल 225 लोगों को मुख्यमंत्री के खिलाफ सीबीआइ ने गवाह बनाया है। आरोपपत्र में 442 दस्तावेजों को भी संलग्न किया गया है।
दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार को घेरा
82 वर्षीय वीरभद्र सिंह ग्रे कलर के सफारी सूट में अदालत पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी आए। सुनवाई के बाद अदालत से बाहर दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआइ, एनआइए और ईडी जैसी एजेंसियों को अपने राजनीतिक एजेंडे को साधने के लिए विपक्ष के पीछे छोड़ दिया है। एजेंसियों के माध्यम से झूठे मुकदमे दर्ज कर मोदी विपक्ष को दबाकर रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इनके खुद के नेता नोटबंदी के दौरान 500 करोड़ की शादी कराते हैं। इनसे जुड़े नेता आतंकी गतिविधियों में लिप्त हैं। मोदी की सरकार ने सीबीआइ को पिंजरे का तोता बना दिया है। कुछ यही हाल ईडी और एनआइए का भी है।
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