अब विराट की बारी, क्या श्रीलंका पर पड़ेंगे भारी?
वनडे क्रिकेट की वर्ल्ड चैंपियन टीम भारत और टी-20 वर्ल्ड चैंपियन श्रीलंका के बीच दो नवंबर से पांच वनडे मैचों की सीरीज की शुरुआत होगी।
नई दिल्ली (संजय सावर्ण) । वनडे क्रिकेट की वर्ल्ड चैंपियन टीम भारत और टी-20 वर्ल्ड चैंपियन श्रीलंका के बीच दो नवंबर से पांच वनडे मैचों की सीरीज की शुरुआत होगी। इस बार श्रीलंका के खिलाफ पहले तीन वनडे मैच में टीम इंडिया की कप्तानी का जिम्मा विराट कोहली के हाथों में होगी। जाहिर है कोहली के लिए ये जिम्मेदारी आसान नहीं है।
वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने फॉर्म में वापस लौटे विराट पर एक तरफ जहां टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी होगी तो दूसरी तरफ उन पर अपने फॉर्म को भी जारी रखने का दबाव होगा। वैसे तो विराट कोहली के लिए टीम की कप्तानी नई बात नहीं है मगर वो अब तक टीम में उप-कप्तान के तौर पर ही अपनी भूमिका निभाते दिखे हैं। कोहली को टीम का उप-कप्तान वर्ष 2012 में बनाया गया था उसके बाद श्रीलंका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ वो पहली बार ही कप्तानी करेंगें। हालांकि इससे पहले वर्ष 2013 में जिम्बाब्वे दौरे के लिए उन्हें वनडे की टीम की कप्तानी सौंपी गई थी। पांच वनडे मैचों की इस सीरीज में कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया का प्रदर्शन बेजोड़ रहा था।
विराट की कप्तानी में जिम्बाब्वे में टीम इंडिया का प्रदर्शन
विराट कोहली ने पहली बार जिम्बाब्वे में अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को शानदार जीत दिलाई। उनकी अगुआई में टीम ने पांच मैचों की इस सीरीज में मेजबान टीम को एक भी मैच जीतने नहीं दिया और सीरीज पर 5-0 से कब्जा कर लिया। टीम इंडिया ने पहले वनडे में छह विकेट से, दूसरे में 58 रन से, तीसरे वनडे में सात विकेट से, चौथे वनडे में नौ विकेट से जबकि आखिरी वनडे मैच में भी सात विकेट से जीत हासिल की थी।
श्रीलंका के खिलाफ विराट की चुनौती
श्रीलंका के खिलाफ पहले तीन वनडे मैचों में विराट की कप्तानी की असल परीक्षा होगी। माना कि जिम्बाब्वे के खिलाफ अपनी कप्तानी में उन्होंने वनडे सीरीज में जीत हासिल की थी मगर इस बार सामने वो टीम है जो किसी भी लिहाज से भारत से कमजोर नहीं है। श्रीलंका की टीम मौजूदा टी-चैंपियन भी है और फाइनल में उसने भारत को ही हराकर ये खिताब जीता था। यानी साफ तौर पर कोहली की एक छोटी की चूक भी टीम इंडिया के लिए भारी पड़ सकता है। कोहली के पास इस वक्त ऐसी टीम है जिसके पास बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है। अनुभवी खिलाड़ी को तौर पर उनके साथ सुरेश रैना ही हैं। ऐसे में विराट को खुद भी टीम की जीत के लिए अहम जिम्मेदारी निभानी ही होगी। दूसरी तरफ श्रीलंका की टीम में एक से बढ़कर एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो काफी अनुभवी हैं और भारत के खिलाफ उन्होंने काफी क्रिकेट खेली है। ऐसे में इन खिलाड़ियों पर भी लगाम लगाना भी विराट के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा अपनी कप्तानी में भारत को जिम्बाब्वे के खिलाफ शानदार जीत दिलाने वाले विराट पर एक बार फिर से वैसा प्रदर्शन दोहराने का भी दबाव होगा।