बदायूं का पीड़ित परिवार यूपी सरकार से खफा
बदायूं में रेप के बाद दो बहनों की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं हैं। पीड़ित परिवार कल पुलिस महानिदेशक एएल बनर्जी की बयानबाजी से भी काफी खफा है। जिसमें डीजीपी ने मामले में ऑनर किलिंग का आशंका जताई थी। दोनों बहनों के पिता ने आज कहा कि जब दोषियों ने पुलिस चौकी पर
लखनऊ। बदायूं में रेप के बाद दो बहनों की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं हैं। पीड़ित परिवार कल पुलिस महानिदेशक एएल बनर्जी की बयानबाजी से भी काफी खफा है। जिसमें डीजीपी ने मामले में ऑनर किलिंग का आशंका जताई थी।
दोनों बहनों के पिता ने आज कहा कि जब दोषियों ने पुलिस चौकी पर अपराध कुबुल कर लिया है तो फिर उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया अब मामले को नया मोड़ देने में क्यों लगे हैं। इन्होंने कहा कि हमें तो लगता है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी है। कहा जा रहा है कि मामले की एसआइटी जांच कराई जाएगी, लेकिन इस जांच में भी तो उत्तर प्रदेश की पुलिस लगेगी जिसने पहले ही जांच की दिशा बदल दी है। इन लोगों ने कहा कि हमको उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं हैं। पुलिस मामले में पूरी तरह से झूठ बोल रही है और इनके मुखिया बनर्जी ने तो हद ही कर दी है। परिवार की मांग है कि इस कांड की जल्द से जल्द सीबीआई जांच हो। इससे कम पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
पीड़ित परिवार के मुखिया ने कहा कि हम तीन भाई एक साथ रहते हैं। सभी का परिवार एक है, हम साढ़े तीन बीघा के काश्तकार है। इतनी जमीन भी नहीं है कि संपत्ति विवाद हो। डीजीपी बनर्जी कैसे इसको संपत्ति विवाद में हत्या का मामला बता रहे हैं। जब इस प्रदेश की सरकार के मुखिया ही इस मामले में चुप्पी साधे हैं तो फिर पुलिस प्रमुख तो ऐसे बयान देंगे ही। पुलिस प्रमुख तो इसको ऑनर किलिंग बता रहे हैं और उन्होंने कहा है कि दोनों में से एक बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ ही नहीं है।
गौरतलब है कि इस कांड पर उत्तर प्रदेश सरकार की देश-विदेश में लानत-मलामत हो रही है। इसके बाद भी उप्र पुलिस के मुखिया एएल बनर्जी ने इस जघन्य वारदात के पीछे 'ऑनर किलिंग' की आशंका जताई है। उन्होंने कल हा था कि आरोपियों में एक-दो निर्दोष भी हो सकते हैं। बदायूं कांड की जांच पहले दिन से ही सवालों के घेरे में है। पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने के बावजूद पुलिस यह जानने की जहमत नहीं कर सकी कि पेड़ पर लटकाने से पहले लड़कियों से किस स्थान पर रेप किया गया। हत्या के बाद लड़कियों को पेड़ पर लटकाया या उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया। बड़े दबावों के बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआइ जांच की केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी। सिफारिश के बाद राज्य पुलिस किसी भी राजफाश से बचती है लेकिन उत्तर प्रदेश तो ऐसे हर मामले में अपवाद है।
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