Move to Jagran APP

राम मंदिर निर्माण पर मोदी को मिली मार्च तक ‘डेडलाइन’

हिन्दू संगठन ने साफ कह दिया है कि अगर मई तक यह मामला नहीं सुलझा, तो अयोध्याा में रामलला के मंदिर निर्माण को लेकर देश भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Wed, 25 Feb 2015 10:06 AM (IST)Updated: Wed, 25 Feb 2015 02:20 PM (IST)
राम मंदिर निर्माण पर मोदी को मिली मार्च तक ‘डेडलाइन’

नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के विवादास्पद मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब ‘अपनों’ के ही निशाने पर आ खड़े हुए हैं। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने पीएम को आयोध्या में राममंदिर निर्माण पर फैसले के लिए इस वर्ष मई माह तक की 'डेडलाइन' दे डाली है। संगठन ने साफ कह दिया है कि अगर मई तक यह मामला नहीं सुलझा, तो अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण को लेकर देश भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

loksabha election banner

मध्यस्थ्ता फार्मूले पर शिवसेना के विचारों को भी मानें: राउत

वहीं, विवाद को सुलझाने को लेकर वादी हाशिम अंसारी द्वारा की गई पहल को वीएचपी द्वारा ठुकराए जाने पर शिवसेना के प्रवक्ताा संजय राउत ने कहा कि अगर नए फार्मूले की योजना बनाई है, तो न सिर्फ विहिप बल्कि शिवसेना के विचारों को भी माना जाना चाहिए।

पीएम से होगी निर्माण पर कानून बनाने की मांग

इसके साथ ही हिंदू संगठन ने कहा है कि सभी संत मई 2015 में पीएम के साथ मिलकर एक बैठक करेंगे और मांग करेंगे कि उक्त स्थान पर ही राम मंदिर का निर्माण करने को लेकर वे संसद में कानून पारित करें। वीएचपी के अयोध्या मामले के प्रवक्ता शरद शर्मा ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत मेें कहा है कि वीएचपी इस मुद्दे को महत्वहीन नहीं मानता। हम 70 एकड़ की पूरी भूमि चाहते हैं, जिसे मुस्लिम समुदाय द्वारा वाद दायर कर विवादित बना दिया गया है। शर्मा ने आगे कहा, भाजपा ने राष्ट्रीय विकास के एजेंडे के चलते मोदी सत्ता में आए। हम शुरुआत में सरकार को परेशान नहीं करना चाहते थे। यह वीएचपी नेताओं और महत्वपूर्ण संतों की बैठक में ही तय किया गया था कि देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए केंद्र को एक साल का वक्त दिया जाए, क्योंकि चुनावों में उन्होंने जनता से यह वादा किया था।

'मुलायम और उनके प्रतिनिधियों की चालबाजियों की परवाह नहीं'

वीएचपी नेता ने आरोप लगाया कि 'कुछ लोग जो कोई भूमिका नहीं रखते, वह इस इस मामले में रूचि दिखा रहे हैं। हम बाबरी मस्जिद की ओर से सबसे पुराने वादी हाशिम अंसारी की उत्सुकता को समझते हैं। वह हताशा बाहर लाने के लिए तुच्छ मुद्दों को उठाते रहते हैं। अब वह अखाड़ा परिषद् के प्रमुख महंत ज्ञानदास की मदद लेकर समझौते की एक अनोखी योजना बना रहे हैं। अकसर समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके प्रतिनिधि हाशिम अंसारी से मिलते रहते हैं, लेकिन हम उनकी चालबाजियों की परवाह नहीं करते।'

पढ़ें : परवान चढ़ने लगी रामजन्मभूमि विवाद की सौहार्दपूर्ण समाधान की पहल

पढ़ें : महंत ज्ञानदास के साथ पीएम से मिलने की तैयारी में हाशिम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.