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यूपीएससी विवाद: वर्मा कमेटी की रिपोर्ट पर राज्य सभा में हंगामा

यूपीएससी विवाद मामले में गठित तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर आज राज्य सभा में जमकर शोर-शराबा हुआ। जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। राज्य सभा में इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है। उनका कहना था कि सरकार इस मुद्दे पर मचे घमासान को शांत करने के लिए काम कर रही है।

By Edited By: Published: Fri, 01 Aug 2014 10:16 AM (IST)Updated: Fri, 01 Aug 2014 02:26 PM (IST)
यूपीएससी विवाद: वर्मा कमेटी की रिपोर्ट पर राज्य सभा में हंगामा

नई दिल्ली। यूपीएससी विवाद मामले में गठित तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर आज राज्य सभा में जमकर शोर-शराबा हुआ। जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। राज्य सभा में इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है। उनका कहना था कि सरकार इस मुद्दे पर मचे घमासान को शांत करने के लिए काम कर रही है। सरकार विवाद का हल निकालने की कोशिश में है।

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शरद यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने महज एक सप्ताह के अंदर यह रिपोर्ट तैयार करवाई है। वहीं बसपा ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे छात्रों पर लाठी चलवाना बंद करे। जानकारी के मुताबिक वर्मा कमेटी यूपीएससी में सीसेट पर सहमत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक तीन-चार दिनों में हल निकाल लिया जाएगा। इससे पूर्व गुरुवार को भी इस मुद्दे पर हंगामा जारी रहा। लोकसभा में आंदोलनरत छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस, सपा और राजद सदस्य बीच सदन में आ गए।

इस पर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस मामले पर नजर रख रहे हैं और जल्द ही सरकार विवाद को शांत करने के लिए एक संतुलित फैसला लेगी। वहीं, आंदोलनरत छात्रों ने भी परीक्षा स्थगित करने की स्थिति में आंदोलन वापस लेने का संकेत दिया है।

शून्यकाल में बुधवार देर रात दिल्ली के नेहरू विहार इलाके में आंदोलनरत छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए सपा सांसद धर्मेद्र यादव ने सरकार से विवाद को जल्द हल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर रही है। राजद के राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव का कहना था कि यह केवल हिंदी के साथ भेदभाव का नहीं, बल्कि सभी भारतीय भाषाओं का सवाल है।

वेंकैया नायडू ने मामले को लेकर उग्र सांसदों को बताया कि प्रधानमंत्री खुद पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। सरकार जल्द विवाद का संतुलित समाधान निकालेगी। यह राजनीतिक मामला नहीं है। प्रधानमंत्री को सदन की भावना से अवगत करा दिया जाएगा। नायडू ने भी कहा कि यह हिंदी और गैर-हिंदी भाषा का सवाल नहीं है, बल्कि सभी क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़ा मामला है। लिहाजा, सरकार एक सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश कर रही है।

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