वेंकैया राजग के उपराष्ट्रपति प्रत्याशी, पहली बार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम होंगे भाजपा नेता
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे। चुनाव पांच को। आज भरेंगे नामांकन।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे। भाजपा संसदीय बोर्ड ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी के सामने नायडू को मैदान में उतारने का फैसला किया है। वे मंगलवार को अपना पर्चा भरेंगे। संसद में राजग का संख्या बल देखते हुए पांच अगस्त को होने वाले चुनाव में वेंकैया का जीतना तय है। वह दो बार भाजपा अध्यक्ष से लेकर वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। इसके साथ ही पहली बार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे देश के तीन शीर्षस्थ पदों पर भाजपा नेता आसीन होंगे। इससे पहले वाजपेयी सरकार के समय उपराष्ट्रपति तो भाजपा के भैरोंसिंह शेखावत थे, लेकिन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम गैरराजनीतिक व्यक्ति थे।
आज भरेंगे नामांकन
चुनाव पांच को, विपक्ष के गोपाल कृष्ण गांधी से जीतना तय-भाजपा संसदीय दल का फैसला, आज भरेंगे नामांकन।
सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अध्यक्षता में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में नायडू के नाम को मंजूरी दी गई। खुद शाह ने इसकी घोषणा की और राजग के दूसरे घटक दलों को इसकी जानकारी दे दी गई। नायडू को खुद शाह ने दो दिन पहले उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के बारे में बता दिया था। बताते हैं कि नायडू ने शाह से कहा था कि वे इसके इच्छुक नहीं हैं। दरअसल, उप राष्ट्रपति जैसे गैर राजनीतिक पद पर पहुंचने के बाद राजनीतिक सफर खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा था कि वह देश में ज्यादा से ज्यादा भ्रमण करना चाहते हैं। लेकिन, शाह ने स्पष्ट कर दिया था कि फैसला हो चुका है और वह प्रधानमंत्री से मिलें तो ऐसी कोई बात न करें। इसके बाद वेंकैया प्रधानमंत्री से मिले। मुलाकात में प्रधानमंत्री ने यह जरूर कहा कि उन्हें कैबिनेट में उनकी जरूरत थी। लेकिन, दूसरा काम भी बड़ा है।
वेंकैया नायडू को मैं कई सालों से जानता हूं। उनके कठोर परिश्रम और दृढ़ता का मैं हमेशा प्रशंसक रहा हूं। उपराष्ट्रपति के पद के लिए वे एक उपयुक्त उम्मीदवार हैं। संसदीय कार्य मंत्री के तौर पर मिले अनुभव से उनको राज्यसभा के संचालन में मदद मिलेगी। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।
इसलिए वेंकैया को किया आगे
वेंकैया का चुनाव रणनीतिक रूप से सबसे ज्यादा मुफीद था। उप राष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। पिछले तीन सालों में उच्च सदन में विपक्ष के असहयोग के कारण परेशानी झेल रही सरकार को ऐसे कुशल प्रशासक की जरूरत थी जो सदन चला सकें। खासकर तब जबकि सदन में विपक्ष का संख्याबल ज्यादा हो। नायडू वर्तमान में चौथी बार राज्यसभा सदस्य हैं। उनके अनुभव और विपक्ष से संबंधों के आधार पर माना जा रहा है कि वह सामंजस्य बिठाने में कामयाब रहेंगे।
दक्षिण में विस्तार पर नजर
-वेंकैया को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का एक बड़ा कारण दक्षिण में भाजपा के राजनीतिक विस्तार को भी माना जा रहा है।
-दक्षिण में भाजपा काफी प्रयासों के बावजूद कर्नाटक से आगे नहीं बढ़ पाई है। उसकी नजरें तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु पर भी हैं।
-आंध्र प्रदेश में फिलहाल भाजपा तेदेपा सरकार में शामिल है। लेकिन, विस्तार के लिहाज से आंध्र को अलग नहीं छोड़ा जा सकता।
-उत्तर में जम्मू-कश्मीर और पूर्व में असम, अरुणाचल, मणिपुर और नगालैंड के बाद केवल दक्षिण भारत ही पूरे विस्तार में अवरोध है।
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