भारत सहित छह देशों में निवेश की अकूत संभावनाएं
कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी के ताजा वार्षिक ग्लोबल सीईओ सर्वे के मुताबिक, ग्रोथ संभावनाओं को लेकर अगर अगले 12 महीनों की बात की जाए तो भारत शीर्ष छह देशों में आता है।
दावोस, प्रेट्र। भारत सबसे ज्यादा अवसर वाले दुनिया के छह शीर्ष बाजारों में शामिल है। यह और बात है कि वह इस मामले में एक पायदान नीचे खिसका है। तीन साल पहले भारत में निवेश को लेकर जितना उत्साह था उसमें अब कमी आई है। एक सर्वे में यह बात कही गई है।
कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी के ताजा वार्षिक ग्लोबल सीईओ सर्वे के मुताबिक, ग्रोथ संभावनाओं को लेकर अगर अगले 12 महीनों की बात की जाए तो भारत शीर्ष छह देशों में आता है। दुनिया के टॉप दो बाजारों में 43 फीसद सीईओ ने पहले स्थान पर अमेरिका जबकि 33 फीसद सीईओ ने चीन को दूसरा स्थान दिया है। इसके बाद जर्मनी तीसरे, ब्रिटेन चौथे, जापान पांचवें और भारत को छठा स्थान दिया गया है। पिछले साल इस तरह के सर्वे में सबसे ज्यादा संभावनाओं वाले बाजारों में भारत शीर्ष पांच देशों में शामिल था।
अगले 12 महीनों में 71 फीसद भारतीय सीईओ को अपनी कंपनियों की ग्रोथ पर भरोसा है। इसकी तुलना में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 38 फीसद सीईओ को कंपनियों की ग्रोथ संभावनाओं पर यकीन है। जबकि 29 फीसद मानते हैं कि 2017 में ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ रफ्तार पकड़ेगी।
सर्वे कहता है कि बीते कुछ समय में कंपनी प्रमुखों में भारत के प्रति उत्साह में कमी आई है। भारत में ढांचागत सुधारों की रफ्तार धीमी होना इसकी अहम वजह है। इसके अलावा नोटबंदी को लेकर भी कुछ अल्पकालिक समस्याएं खड़ी होने से ऐसा हुआ है। इन सब के बावजूद भारत अपनी तेज रफ्तार और मौद्रिक व वित्तीय सुधारों के मामले में अलग से पहचान रखता है।
दबंग कंपनियों से उपभोक्ता असहज
भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने स्वीकार किया है कि बड़ी कंपनियों के भारी-भरकम आकार और उनकी बढ़ती शक्तियों से उपभोक्ता असहज हो रहे हैं। दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के एक सत्र में 'बडे़ उद्योगों का भविष्य' विषय पर चर्चा के दौरान मित्तल ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दशक के दौरान असमानता में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है और मतदाता इसको अनुभव कर रहे हैं।
भारतीय आइटी सेक्टर कुछ करे नया
प्रमुख आइटी फर्म टेक महिंद्रा के सीईओ सीपी गुरनानी ने ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए इनोवेशन में भारतीय आइटी सेक्टर को संभावनाएं तलाशने के लिए कहा है। उनके मुताबिक इसमें चुनौती यह है कि इन क्षेत्रों में नए तरह के कौशल चाहिए।
नई सिल्क रोड में ग्रोथ बढ़ाने का दम
नई सिल्क रोड क्षेत्र की आर्थिक विकास दर में चार से सात फीसद का इजाफा कर सकती है। इसके लिए आइटी में भरपूर निवेश करना होगा, जिससे उन देशों में सहयोग बढ़ेगा जहां से यह रोड गुजरेगी। अभी इनकी ग्रोथ में सबसे बड़ी बाधा ग्लोबल मार्केट तक पहुंच का अभाव है। 21वीं सदी के इस सबसे बडे़ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के जरिये चीन और भागीदार देशों का क्षेत्र को विकसित करने का इरादा है।
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