डिफेंस सीक्रेट लीक पर बोले वरुण, इसमें एक फीसद भी सच तो छोड़ देंगे राजनीति
वरुण गांधी ने रक्षा सौदों के दलाल अभिषेक वर्मा और शस्त्र निर्माताओं को रक्षा सौदों की खुफिया जानकारियां लीक करने के आरोपों को खारिज किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी पर आरोप लगा है कि उन्होंने 'हनी ट्रैप' में फंसकर रक्षा सौदों के दलाल अभिषेक वर्मा और शस्त्र निर्माताओं को रक्षा सौदों की खुफिया जानकारियां दे दीं। आरोप है कि विदेशी वेश्याओं के साथ खींची गई उनकी तस्वीरों से उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के बेटे वरुण ने इन आरोपों से इन्कार किया है। वरुण ने कहा कि उन्होंने कोई संवेदनशील जानकारी लीक नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर आरोप में एक फीसद भी सच्चाई होगी तो वो राजनीति छोड़ देंगे।
हथियार निर्माताओं को रक्षा मामलों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का आरोप वरुण गांधी पर एक खत के जरिए लगाया है। यह शिकायती पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (पीएमओ) को मिला है।
स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में गुरुवार को न्यूयार्क के एक नामचीन वकील एडमंड एलन का खत सार्वजनिक कर दिया। यह पत्र एडमंड एलन ने पिछले महीने पीएमओ को भेजा था। इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि अभिषेक वर्मा ने वरुण गांधी को ब्लैकमेल किया। दरअसल वरुण गांधी रक्षा सलाहकार समिति के सदस्य हैं। लिहाजा, रक्षा सौदों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां हासिल करने के लिए यह जाल फैलाया गया।
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16 सितंबर की इस शिकायत में वकील सी. एडमंड्स एलेन का कहना है कि विवादास्पद हथियार विक्रेता अभिषेक वर्मा ने वरुण गांधी को इस्तेमाल किया। ताकि वरुण भारत सरकार से सौदे हासिल करने में जुटे हथियार निर्माताओं को रक्षा संबंधी विवरण दें। दरअसल, वर्ष 2012 में एक-दूसरे से अलग होने से पहले तक अभिषेक वर्मा तथा सी. एडमंड्स एलेन व्यापारिक साझीदार रहे हैं। अब सी. एडमंड्स एलेन का कहना है कि संसदीय रक्षा समिति के सदस्य के रूप में अपने पास मौजूद जानकारी के बूते वरुण गांधी ने 'राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया..।'
हालांकि इन आरोपों से सिरे से इन्कार करते हुए वरुण गांधी ने कहा, 'मैं इतनी हास्यास्पद और बेवकूफाना बात का क्या जवाब दूं? क्या इन आरोपों का कोई भी सुबूत है? इनमें से किसी भी बात का क्या सुबूत है..? उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने बताया कि वह पिछले 15 साल से भी ज्यादा वक्त से अभिषेक वर्मा से नहीं मिले हैं। संसदीय रक्षा समिति की जिन बैठकों का जिक्र सी. एडमंड्स एलेन ने किया, उनमें उन्होंने शिरकत ही नहीं की थी। उन्हें इस तरह 'फुसलाया जाता हुआ' दिखाने वाली तस्वीरें असली नहीं हैं, और ये आरोप उन पर इसलिए लगाए जा रहे हो सकते हैं, ताकि उन्हें आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कोई भूमिका निभाने से रोका जा सके।
सी. एडमंड्स एलेन तथा अभिषेक वर्मा के बीच साझेदारी जनवरी, 2012 में खत्म हुई थी, और उस वक्त दोनों ने ही एक दूसरे पर मनी-लांडरिंग, गबन और धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। इसके बाद सी. एडमंड्स एलेन लगातार भारतीय जांचकर्ताओं को अभिषेक वर्मा के खिलाफ कागजात देते रहे। अभिषेक वर्मा को जेल भेजा गया था और कई मामलों में जांच भी हुई। इनमें नेवी वॉर रूम लीक मामला भी शामिल है। इसके तहत नौसेना से जुड़े संवेदनशील गोपनीय दस्तावेज ऐसे गुट ने बेचे थे, जिसमें पूर्व तथा मौजूद सैन्याधिकारी शामिल थे। इस मामले में अभिषेक वर्मा को वर्ष 2008 में जमानत दी गई थी।