वंजारा के बयान तय करेंगे अमित शाह का भविष्य
इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआइ के आला अधिकारियों ने गुजरात में डेरा डाल दिया है। मोदी सरकार के तीन मंत्री, तीन पूर्व आइपीएस व मुख्यमंत्री कार्यालय के दो आला अधिकारियों से पूछताछ के बाद अब सीबीआइ निलंबित आइपीएस डीजी बंजारा से एक बार फिर पूछताछ कर मंत्रियों के बयानों की सच्चाई परखेगी।
अहमदाबाद [जासं]। इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआइ के आला अधिकारियों ने गुजरात में डेरा डाल दिया है। मोदी सरकार के तीन मंत्री, तीन पूर्व आइपीएस व मुख्यमंत्री कार्यालय के दो आला अधिकारियों से पूछताछ के बाद अब सीबीआइ निलंबित आइपीएस डीजी बंजारा से एक बार फिर पूछताछ कर मंत्रियों के बयानों की सच्चाई परखेगी। बंजारा के बयानों पर प्रदेश के पूर्व गृहराज्य मंत्री अमित शाह का भविष्य टिका है। बंजारा अपने पत्र में पहले ही शाह से अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं।
नई मुसीबत में फंस सकते हैं अमित शाह
विशेष जांच दल [एसआइटी] के बाद सीबीआइ की जांच में भी मुंबई की कॉलेज छात्रा इशरत जहां व उसके तीन साथियों की फर्जी मुठभेड में मौत की पुष्टि हो चुकी है। उसके बाद सीबीआइ अब तक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कानून मंत्री भूपेंद्र चूडास्मा, कानून व न्याय राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा व पूर्व गृह राज्य मंत्री प्रफुल्ल पटेल, मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त प्रधान सचिव जीसी मुर्मू, एके शर्मा से पहले ही पूछताछ कर चुकी है। इसी दौरान बंजारा ने राज्य सरकार को भेजे अपने इस्तीफे के साथ एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने फर्जी मुठभेड़ों के लिए मोदी के खास सिपहसालार अमित शाह को कठघरे में खड़ा किया है।
बंजारा ने अपने पत्र में हालांकि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को साफ बरी किया है लेकिन उनका आरोप था कि परोक्ष रूप से अमित शाह गुजरात सरकार चला रहे थे। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति सरकार की ही बनाई हुई थी जिस पर वह अमल कर रहे थे। बंजारा सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड मामले में जेल में हैं, इशरत मामले में सीबीआइ उन्हें मुंबई जेल से अहमदाबाद स्थित साबरमती जेल लेकर आई थी। बताया जाता है कि वंजारा सशर्त सीबीआइ को मदद करने के लिए राजी हो गए हैं।
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