Move to Jagran APP

युद्ध और शांति दोनों में कामयाब रहे वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अनगिनत कारणों से भारत रत्न के हकदार हैं। भारत के लंबे इतिहास में पंडित नेहरूसे लेकर इंदिरा गांधी तक ने युद्ध का सामना किया। लेकिन इसमें सबसे कामयाब इंदिरा जी ही मानी गईं। उन्होंने 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को करारी मात देकर नया देश

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 07:51 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 08:13 PM (IST)
युद्ध और शांति दोनों में कामयाब रहे वाजपेयी

नई दिल्ली [जेएनएन]। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अनगिनत कारणों से भारत रत्न के हकदार हैं। भारत के लंबे इतिहास में पंडित नेहरूसे लेकर इंदिरा गांधी तक ने युद्ध का सामना किया। लेकिन इसमें सबसे कामयाब इंदिरा जी ही मानी गईं। उन्होंने 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को करारी मात देकर नया देश बांग्लादेश बनवा दिया। लेकिन जब शिमला शांति समझौते का वक्त आया तो वह अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं पर आर्थिक निर्भरता के कारण उसका फायदा नहीं उठा सकीं। लेकिन वाजपेयी युद्ध से लेकर शांति बहाली के सभी मोर्चो पर कामयाब रहे। यहां पेश हैं कुछ अहम बिंदु :-

loksabha election banner

पोखरण से दृढ़ता का परिचय :- उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही पोखरण-2 के धमाकों से देश की ताकत जता दी। भारत ने जब तक हाइड्रोजन बम विस्फोट का एलान खुद नहीं किया तब तक अमेरिका समेत पूरी दुनिया को इसकी भनक नहीं लगी। अमेरिका ने इस खिसियाहट में अपने तत्कालीन सीआइए प्रमुख को बर्खास्त कर दिया था।

क्षेत्रीय ताकत की अचूक कूटनीति :- अमेरिका की भारत और पाकिस्तान के बीच की संतुलन की नीति को भांपते हुए उन्होंने परमाणु विस्फोट के लिए पाकिस्तान के बजाय चीन के मुकाबले क्षेत्रीय संतुलन कायम करने की दलील दी। पहले परमाणु शस्त्र का प्रयोग न करने की उनकी नाभिकीय अप्रसार नीति भी कारगर रही।

आर्थिक ताकत बनने पर जोर :- वाजपेयी ने आर्थिक रूप से कमजोर देश को अमेरिका के आगे घुटने टेकने से रोक दिया। अपने कार्यकाल में अमेरिका और अन्य देशों के आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद देश की जीडीपी को 9.5 फीसद तक पहुंचाया।

भारत-अमेरिका-इजरायल की तिकड़ी :- आतंकवाद के खिलाफ और सशस्त्रीकरण में उन्होंने अमेरिका और इजरायल को भारत का साझीदार बनाना बेहतर समझा। साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित कराया कि अमेरिका अब पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति बंद कर दे। इससे कश्मीर में भी आतंकियों को हथियारों की नापाक आपूर्ति प्रभावित हुई। वहीं, वहाबियों के समर्थन से दूसरी तिकड़ी ईरान और रूस के साथ बनाई।

पढ़ें : राष्ट्रपति ने पूर्व पीएम वाजपेयी को घर जाकर दिया भारत रत्न

पढ़ें : मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को बताया करोड़ों दिलों की प्रेरणा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.