अब नहीं भाग पाएंगी आवारा गायें, शरीर में लगेगी माइक्रो चिप
नई दिल्ली। नगर निगम दक्षिणी (एसडीएमसी) आवारा गायों के माइक्रो चिप लगाएगी। इसका मकसद गौशालाओं से गायों के बाहर आने के मामले रोकना है। चिप लगी गाय जब गौशाला से बाहर आएगी तो चिप रीडर के माध्यम से पकड़ी जाएगी।
नई दिल्ली। नगर निगम दक्षिणी (एसडीएमसी) आवारा गायों के माइक्रो चिप लगाएगी। इसका मकसद गौशालाओं से गायों के बाहर आने के मामले रोकना है। चिप लगी गाय जब गौशाला से बाहर आएगी तो चिप रीडर के माध्यम से पकड़ी जाएगी।
नगर निगम दक्षिणी इस योजना को शुरू करने के लिए टेंडर जारी करने जा रहा है। पता हो कि दिल्ली में गौशालाएं हैं। जहां पर आवारा गायों को पकड़ कर नगर निगम भेजता है। इसमें से दो गौशाला नगर निगम उत्तरी, एक गौशाला नगर निगम पूर्वी और दो गौशाला नगर निगम दक्षिणी में है।
तीनों नगर निगम के पास इस प्रकार की शिकायतें आ रही हैं कि कुछ लोग पकड़ी दुधारू गायों को गौशालाओं से छुड़ा लाते हैं। नगर निगम जिन गायों को पकड़कर गौशाला भेजता है। सैकड़ों में गायें होने के कारण उन्हें ढूंढ पाना निगम कर्मियों के लिए तो कठिन हो जाता है।
इस प्रकार की शिकायतें निगम के पास आ रही हैं कि जिन लोगों की गाय पकड़ी जाती है वे लोग गौशाला जाकर अपनी गाय की पहचान कर उसे छुड़ा लाते हैं और उनके स्थान पर बूढ़ी या बीमार गायें रख दी जाती हैं। इस प्रकार गायों की संख्या भी पूरी बनी रहती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए तीनों नगर निगम प्रयास में हैं।
इसमें नगर निगम दक्षिणी शीघ्र ही इसे रोकने के लिए माइक्रो चिप लगाने की इस योजना को लेकर टेंडर निकालने जा रहा है। हालांकि इस प्रकार की योजना एकीकृत नगर निगम में पहले भी आ चुकी है। जो 2011 तक चलती रही है। उस दौरान सैकड़ों गायों के चिप लगाई भी गई थी। मगर इस कार्य में लगी दोनों कंपनियों और नगर निगम के बीच पैसे के भुगतान को लेकर हुए विवाद के चलते योजना बीच में ही रुक गई थी।
उसके बाद फिर से इस योजना को शुरू करने के लिए दो बाद टेंडर निकाले गए थे। मगर कोई कंपनियां सामने नहीं आई थीं। जिससे इस योजना पर काम नहीं हो सका था।