रिपोर्ट आने को थी तो वाड्रा बोले, सारे आरोप झूठे
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा समेत कई लोगों पर गलत ढंग से जमीन लेने-बेचने के आरोपों की जांच कर रहा है।
नई दिल्ली। हरियाणा के जस्टिस एसएन धींगड़ा आयोग को गुरुवार को जांच रिपोर्ट सौंपनी थी। यह आयोग कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा समेत कई लोगों पर गलत ढंग से जमीन लेने-बेचने के आरोपों की जांच कर रहा है। गुरुवार सुबह ही वाड्रा ने अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों को झूठा और राजनीतिक फायदे के लिए लगाया जा रहा बताया जबकि कांग्रेस के कई नेता धींगड़ा पर ही आरोप लगाने लगे। वैसे, धींगड़ा ने रिपोर्ट सौंपने के लिए डेढ़ माह का समय मांग लिया है।
वाड्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि "लगभग एक दशक से सरकारें मुझ पर झूठे और आधारहीन आरोप लगाती रही हैं। वे लोग बिना प्रमाण कुछ भी साबित नहीं कर सकते और साबित करने को कुछ है भी नहीं.. मैं जानता हूं कि राजनीतिक फायदे के लिए मेरा उपयोग किया जाता रहेगा लेकिन मैं अपना सिर ऊंचा ही रखूंगा क्योंकि सच्चाई के कारण सारी गलत बातें समय के साथ साफ हो जाएंगी जो मेरे बारे में गढ़ी गई हैं।"
यही नहीं, पिछले चौबीस घंटे में कांग्रेस भी जस्टिस धींगड़ा की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाती रही। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि यह जांच ही गलत है क्योंकि धींगड़ा ने हरियाणा सरकार से फायदे उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में गोपाल सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट का प्रमुख बनने के बाद जस्टिस धींगड़ा ने गुड़गांव के उपायुक्त से उस स्कूल तक सड़क बनवाने की मांग की जिसे वह बनवा रहे थे। उपायुक्त ने इसे जिला योजना फंड से बनवाने की बात कही। तब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता वाली हरियाणा ग्रामीण विकास निधि ने 97 लाख रुपये आवंटित भी कर दिए जिससे यह सड़क बनवाई जा रही है।
सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि अन्य हजारों-लाखों ट्रस्ट के साथ ऐसा क्यों नहीं हो रहा है और आसपास के कई अन्य गांवों के लोगों की मांगों की अनदेखी कर इस स्कूल के लिए ही सड़क क्यों बनाई जा रही है। इस तरह के सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी बुधवार को राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को पत्र लिखकर धींगड़ा आयोग भंग करने की मांग की थी।
वाड्रा और कांग्रेस नेताओं को लग रहा था कि धींगड़ा अपनी रिपोर्ट गुरुवार को सौंप देंगे। लेकिन उन्होंने हरियाणा सरकार को सूचना दी है कि उन्हें अपना काम खत्म करने के लिए डेढ़ महीने का और समय चाहिए।
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