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मापने गए थे ग्लेशियर, घास खाकर लौटे

पित्थौरागढ़, ओपी अवस्थी। हिमनदों को मापने गए दल के तीन सदस्य उस समय मुश्किल में पड़ गए जब उन्हीं की आंखों के सामने ग्लेशियर टूटने लगे। वे लोग उन्हीं टूटते ग्लेशियरों के बीच फंस गए। इस आपदा के चलते वे लोग छह दिन उच्च हिमालयी क्षेत्र में फंसे रहे। बचने की कोशिश में दो दिन घनघोर जंगल में भटके और घास खाकर जान

By Edited By: Published: Sat, 06 Jul 2013 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2013 07:11 PM (IST)
मापने गए थे ग्लेशियर, घास खाकर लौटे

पित्थौरागढ़, ओपी अवस्थी। हिमनदों को मापने गए दल के तीन सदस्य उस समय मुश्किल में पड़ गए जब उन्हीं की आंखों के सामने ग्लेशियर टूटने लगे। वे लोग उन्हीं टूटते ग्लेशियरों के बीच फंस गए। इस आपदा के चलते वे लोग छह दिन उच्च हिमालयी क्षेत्र में फंसे रहे। बचने की कोशिश में दो दिन घनघोर जंगल में भटके और घास खाकर जान बचाई। बड़ी मुश्किल से प्रशासन को सूचना मिलने के बाद हेलीकॉप्टर से इन लोगों को बाहर निकाला गया।

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आपदा से पूर्व ग्लेशियरों को मापने दिल्ली के दो वैज्ञानिक, तीन आइबी कर्मी, दो पशु चिकित्सक, दो पशुधन प्रसार अधिकारी, फार्मेसिस्ट और अनुसेवकों का 16 सदस्यीय दल दारमा गया था। 14 जून को यह दल दारमा पहुंचा। 16 जून को यह दल दुग्तू गांव पहुंचा था, उसी दिन तबाही शुरू हो गई। ये लोग वहां फंस गए और सारी तबाही अपनी आंखों से देखी।

दल में शामिल सदस्य महेंद्र सिंह ने बताया कि इस दौरान यूसुंग और औरंग ग्लेशियरों को टूटने से नालों में ऊफान आ गया। विशाल चट्टानें टूट रही थीं, जिनकी आवाज से पूरा वातावरण कांप रहा था। ग्लेशियरों से टूट कर आ रहे हिमखंडों और चट्टानों से धौलीगंगा नदी का प्रवाह और जलस्तर बढ़ता जा रहा था। नदी के किनारे टूटते जा रहे थे। चारों तरफ तबाही मची हुई थी।

सब कुछ तबाह हो चुका देख इस दल के लोग लौटने की कोशिश करने लगे तो जंगल में फंस गए। दो दिन बियाबान जंगल में फंसे रहे। वहां खाने को कुछ नहीं था तो सिरजिम पौधे की पत्तियां और तने खाकर भूख मिटाई। जिंदा लौटने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन हेलीकाप्टरों को उड़ते देख कुछ आस जगी। हेलीकाप्टरों को संकेत देने के लिए इन लोगों ने आग जलाकर धुआं करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके बाद जैसे तैसे दल के सदस्य नागलिंग गांव पहुंचे। जब हेलीकाप्टर से यहां पर खाने के पैकेट फेंके गए, तब जाकर इस दल के सदस्यों को खाना नसीब हुआ। जैसे-तैसे इन लोगों को हेलीकॉप्टर से वापस लाया गया।

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