Move to Jagran APP

घोड़ों पर साल में करोड़ों खर्च करती है उप्र सरकार

घोड़ों की दौड़ पर आप ने भले ही कभी कोई दांव नहीं लगाया हो, लेकिन सरकार इन पर हर साल करोड़ों रुपये का दांव लगाती है। यह और बात है कि यह धनराशि उनके पालन-पोषण पर खर्च होती है। वह मात्र इसलिए कि उनकी दौड़ प्रतियोगिता प्रत्येक साल होती है।

By anand rajEdited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 01:01 PM (IST)
घोड़ों पर साल में करोड़ों खर्च करती है उप्र सरकार

मुरादाबाद (सुधीर मिश्रा)। घोड़ों की दौड़ पर आप ने भले ही कभी कोई दांव नहीं लगाया हो, लेकिन सरकार इन पर हर साल करोड़ों रुपये का दांव लगाती है। यह और बात है कि यह धनराशि उनके पालन-पोषण पर खर्च होती है। वह मात्र इसलिए कि उनकी दौड़ प्रतियोगिता प्रत्येक साल होती है। वरना, अब न तो घोड़ों से डकैतों को पकड़ा जाता है और न ही बीहड़ की खाक छाननी पड़ती है। फिर भी एक घोड़े पर एक दिन का खर्चा तीन सौ रुपये है। यानि प्रदेश पुलिस के साढ़े चार सौ घोड़ों का एक दिन का खर्चा एक लाख पैंतीस हजार बैठता है। इस हिसाब से साल का खर्चा 49 करोड़ 02 लाख 75 हजार रुपये बैठता है। अब इन घोड़ों का काम देखिए, मात्र घुड़सवारी प्रतियोगिताओं और शादी समारोहों में हिस्सा लेना।

loksabha election banner

पुराने समय में डकैत और बदमाश बीहड़ों में रहकर घोड़ों से चलते थे। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस में घोड़ों की खरीद-फरोख्त की गई थी। समय बदलने के साथ साथ अपराध करने का तरीका बदला तो घोड़ों की जगह बदमाशों ने वाहन इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। पुलिस में भी वाहनों का इस्तेमाल शुरू हो गया। दंगा नियंत्रण के लिए कुछ समय तक तो इन घोड़ों का प्रयोग किया गया, लेकिन जब से वज्र वाहन और वाटर कैनन वैन आ गईं, तब से इनका प्रयोग लगभग बंद हो गया। लिहाजा पुलिस लाइन में घोड़ों का इस्तेमाल अब शादी समारोहों में शोभा बढ़ाने, प्रशिक्षण के दौरान घुड़सवारी और प्रतियोगिता में भाग लेने तक सीमित रह गया है।

इस समय प्रदेश में पुलिस के पास साढ़े चार सौ घोड़े हैं। इन घोड़ों के सवारों का भी बहुत काम नहीं रह गया है। पूरे दिन घुड़साल में रहकर घोड़ों की देखभाल करना और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना ही रह गया है। पुलिस अकादमी के एएसपी सतीश कुमार का कहना है कि घोड़ों का इस्तेमाल हंगामे के दौरान भीड़ नियंत्रण और पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण के दौरान भी किया जाता है।

पढ़ेंः सावधान! पेट्रोल पंप के महिला बाथरूम में मिला कैमरा

पढ़ेंः छात्रों ने राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर किया कब्जा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.