पाकिस्तान से परमाणु करार की तैयारी में अमेरिका, भारत चिंतित
अमेरिका अब भारत की तर्ज पर पाकिस्तान के साथ असैन्य परमाणु समझौता कर सकता है। बदले में पाकिस्तान को परमाणु हथियारों में कटौती करनी होगी। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका यात्रा के दौरान इस पर चर्चा होने की संभावना है।
वाशिंगटन । अमेरिका अब भारत की तर्ज पर पाकिस्तान के साथ असैन्य परमाणु समझौता कर सकता है। बदले में पाकिस्तान को परमाणु हथियारों में कटौती करनी होगी। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका यात्रा के दौरान इस पर चर्चा होने की संभावना है।
हालांकि, 'वाशिंगटन पोस्ट' में प्रकाशित खबर की ओबामा प्रशासन की ओर से न तो पुष्टि की गई है और न ही इसका खंडन किया गया है। शरीफ 22 अक्टूबर को अमेरिका दौरा करेंगे। इस खबर पर भारत ने चिंता जाहिर की है। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का ब़़ढता जखीरा अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। अमेरिका अब पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को सीमित करने में जुटा है। इसके तहत इस्लामाबाद के साथ असैन्य परमाणु करार करने पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को इस प्रस्ताव पर विचार करने को कहा जा चुका है।
भारत की ओर से परमाणु खतरा संभावना जताई जा रही है कि परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम मिसाइलों की रेंज (विशेष दूरी तक मार करने में सक्षम) को सीमित करने पर सहमति बन सकती है। यही नहीं भारत के परमाणु खतरे को देखते हुए तय जरूरतों के बाद पाकिस्तान परमाणु हथियार बनाने के कार्यक्रम को भी सीमित कर सकता है। सहमति के बदले मिलेगा अमेरिकी समर्थन इन मुद्दों पर सहमति बनने की स्थिति में अमेरिका 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने में पाकिस्तान को समर्थन दे सकता है।
इसके बाद 2005 में भारत के साथ हुए परमाणु करार की तर्ज पर पाकिस्तान के साथ भी समझौता हो सकता है। हालांकि, पाकिस्तान के साथ यह प्रक्रिया लंबे समय तक चल सकती है। अमेरिकी पहल पर ही एनएसजी ने भारत को छूट प्रदान की थी। 1980 में परमाणु कार्यक्रम का पता चलने और साल 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते तल्ख हो गए थे। पाकिस्तान के अंदरूनी हालात को देखते परमाणु हथियार बनाने की तकनीक आतंकियों के हाथ में जाने की आशंका है।
क्या कह रहा है भारत
हमने ऐसी रिपोर्टे पढ़ी हैं और यह पहली बार नहीं है जो यह मामला उठा है। जो कोई भी विशेष डोजियर का परीक्षण कर रहा है उसे पाकिस्तान के परमाणु प्रसार का ट्रेक रिकॉर्ड मालूम होना चाहिए। भारत ने अमेरिका से असैन्य एटमी करार अपने परमाणु अप्रसार के ट्रेक रिकॉर्ड के आधार पर किया है।
-विकास स्वरूप, प्रवक्ता भारतीय विदेश मंत्रालय
ये हैं अमेरिका की शर्ते
-पाकिस्तान और परमाणु कार्यक्रम पर बंदिश लगाए।
-केवल उतने ही हथियारों का निर्माण हो, जो सुरक्षा के लिहाज से जरूरी हैं।
-एक तय रेंज के बाहर निशाना लगाने में सक्षम मिसाइलें नहीं तैनात करे।