मुश्किल में US का सफर, वीजा के लिए देना पड़ सकता है 15 साल का रिकॉर्ड
सभी दूतावासों को संदिग्ध समूहों की पहचान करने और वीजा जारी करने से पहले विशेष जांच करने की जरूरत बताई गई है।
वाशिंगटन, प्रेट्र : अमेरिका आने का सपना सजोने वालों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ट्रंप सरकार ने वीजा को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दुनियाभर में स्थित अमेरिकी दूतावासों को वीजा जारी करने से पहले अतिरिक्त जांच-पड़ताल करने को कहा गया है। वीजा लेने के इच्छुक लोगों को अब पिछले 15 वर्ष का रिकॉर्ड उपलब्ध कराना होगा। भारतीयों पर भी इसका असर पड़ सकता है।
सभी दूतावासों को संदिग्ध समूहों की पहचान करने और वीजा जारी करने से पहले विशेष जांच करने की जरूरत बताई गई है। इसके लिए सख्त प्रक्रिया अपनाने को कहा गया है। विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की ओर से जारी नए निर्देश (डिप्लोमेटिक केबल) में पर्यटन या व्यवसाय के लिए वीजा हासिल करने वालों से उनके रोजगार और निवास से जुड़ा पिछले 15 साल का रिकॉर्ड मांगा जा सकता है। इसके अलावा पिछले पांच वर्षो में इस्तेमाल फोन नंबर, ई-मेल आइडी और सोशल मीडिया अकाउंट का ब्योरा भी उपलब्ध कराना होगा।
जब एक साक्षात्कार में डोनॉल्ड ट्रंप ने कहा- मैं राष्ट्रपति हूं, आप नहीं
राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से छह मार्च को छह मुस्लिम बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध को लेकर जारी शासकीय आदेश के बाद विदेश मंत्री ने 15 मार्च को यह दिशा-निर्देश जारी किए। इसका उद्देश्य ¨हसा, अपराध और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त संदिग्धों की मदद करने वाले विदेशी नागरिकों को अमेरिका आने से रोकना है।
गोपनीय केबल में अमेरिकी मिशन को जल्द से जल्द नए मापदंड तय करने को कहा गया है। वीजा जारी करने वाले अधिकारियों को आवेदकों से ज्यादा से ज्यादा सवाल पूछने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, इससे बड़ी संख्या में वीजा आवेदन के लंबित होने की आशंका भी जताई गई है। ऐसे में विदेश मंत्री ने एक दिन में अधिकतम 120 आवेदकों का साक्षात्कार करने की सलाह दी है। वर्ष 2016 में गैर-प्रवासी श्रेणी में एक करोड़ और प्रवासियों के लिए 6.17 लाख से ज्यादा वीजा जारी किए गए थे।