राज्यसभा सभापति के फैसले पर TMC सांसदों का विरोध, सदन का किया बहिष्कार
नियम 255 के इस्तेमाल पर टीएमसी सांसदों ने ऐतराज जताया। टीएमसी सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन ने कहा कि हंगामा करने वाले कांग्रेस सांसदों पर सभापति ने कोई कार्रवाई नहीं की।
नई दिल्ली(जेएनएन)। टीएमसी सांसदों ने आज राज्यसभा सभापति के फैसले का विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार किया। सोमवार को टीएमसी सांसद शुखेंदु शेखर रॉय को नियम 255 के तहत सदन से बाहर निकाल दिया था। फैसले का विरोध करते हुए टीेएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक-ओ ब्रायन ने कहा कि जिस नियम 255 के तहत शुखेंदु शेखर रॉय को सदन से कल बाहर निकाला गया था। उस नियम के दायरे में कांग्रेस के 33 सदस्य भी आ रहे थे लेकिन राज्यसभा सभापति ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
ब्रायन ने कहा कि टीएमसी सांसद शुखेंदु शेखर रॉय सीट से ही सरकार के विरोध में अपनी बात रख रहे थे। यहां तक की वो सदन के वेल में भी नहीं गए। वहीं कांग्रेस सांसदों ने वेल में जाकर संसदीय व्यवस्था को तार-तार कर दिया। लेकिन सभापति महोदय कांग्रेस सांसदों के हो हल्ला से अंजान बने रहे।
अगस्ता वेस्टलैंड के मुद्दे पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर कल बुधवार को राज्यसभा में और 6 मई को लोकसभा में बयान देंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी कांग्रेस के पास हंगामा करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। कांग्रेस सदन की कार्यवाही में बाधा डालकर जनहित के मुद्दों से किनारा कस रही है।
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मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही टीएमसी सांसदों ने अगस्ता मुद्दे पर जमकर हंगामा किया था। जिसके बाद सदन की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा । राज्यसभा सभापति ने टीएमसी सांसद शुखेंदु शेखर रॉय को नियम 255 के तहत दोषी मानते हुए कल सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
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