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संसदीय समिति से जांच की मांग पर राज्यसभा में हंगामा

झारखंड में पशु व्यापारियों की हत्या पर कांग्रेस, सपा, जदयू और माकपा के सदस्य वेल में आकर झारखंड की सत्तारुढ़ भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 06:42 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 08:54 PM (IST)
संसदीय समिति से जांच की मांग पर राज्यसभा में हंगामा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। झारखंड के लातेहार जिले में दो मुस्लिम भैंस व्यापारियों की हत्या मामले की संसदीय समिति से जांच की मांग को लेकर शुक्रवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। इन व्यापारियों की पिछले महीने हत्या कर दी गई थी, जिसमें आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने को लेकर सदन में कांग्रेस, जद यू समेत अन्य वामदलों ने जांच के लिए संसदीय समिति के गठन की मांग की। इस मसले पर विपक्षी दल के सदस्यों ने वेल में पहुंचकर सदन की कार्रवाई को बाधित करने की कोशिश की। राज्य सरकार को बर्खास्त करने के नारे भी लगाये। इससे सदन को स्थगित करना पड़ा।

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नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने सदन शुरु होते ही यह मुद्दा उठाते हुए राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई न करने पर नाराजगी जताई। झारखंड के लातेहार जिले की हिंसक घटना में दो पशु व्यापारियों के शव पेड़ से लटके मिले थे। कांग्रेस, सपा, जदयू और माकपा के सदस्य वेल में आकर झारखंड की सत्तारुढ़ भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। शून्यकाल शुरू होते ही जद यू सदस्य गुलाम रसूल बलवयी ने यह मुद्दा उठाया। बलवयी ने कहा कि पिछले महीने झारखंड के लातेहार जिले में दो अल्पसंख्यक पशु व्यापारियों पेड़ से लटका दिया गया। राज्य सरकार ने दो महीने तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिससे अपराधियों को भागने का मौका लग गया। बलवयी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है। अल्पसंख्यक समुदाय बेहद भय के माहौल में रह रहा है।

विपक्ष के तीखे तेवरों को देखते हुए संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'वह इस संबंध में झारखंड सरकार से बात करेंगे और इसके पीछे का सच जानेंगे।' अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने भी सदन को आश्वस्त करने की कोशिश करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री को समूची घटना की तथ्यात्मक जांच कराने के लिए पत्र लिखेंगी।

कांग्रेस के नेता आजाद ने कहा कि जब यह घटना हुई थी, उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हिंसक घटना में दर्जनों घरों में लगा दी गई थी। हिंसक भीड़ ने लोगों पर हमले किये गये। संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी लगातार इस घटना की निंदा करते हुए कहते रहे कि इसकी सत्यता जानने के लिए जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा, भाजपा इसकी निंदा करती है। देश की शांति को कायम रखे जाने की जरूरत है। यह भंग नहीं होनी चाहिए।

सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाये। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि इस घटना के दो महीने हो चुके हैं। हेपतुल्ला अब जांच कराने के लिए बात कर रही है। यह सांप्रदायिक मुद्दा है। इस कानून व्यवस्था से जुड़ा मामला नहीं है। इसलिए सदन इस मामले को देखे और संसदीय समिति का गठन करे जो इसकी जांच करे। जद यू के शरद यादव ने येचुरी की मांग का समर्थन किया।

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