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सुप्रीम कोर्ट का कर्नाटक में भैंसा दौड़ कामबाला पर रोक से इन्कार

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने पशु अधिकार संगठन पेटा की ओर से दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई की तारीख 12 मार्च तय कर दी।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 10:45 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 10:45 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट का कर्नाटक में भैंसा दौड़ कामबाला पर रोक से इन्कार
सुप्रीम कोर्ट का कर्नाटक में भैंसा दौड़ कामबाला पर रोक से इन्कार

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के भैंसा दौड़ कामबाला पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया। सोमवार को जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने पशु अधिकार संगठन पेटा की ओर से दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई की तारीख 12 मार्च तय कर दी।

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पेटा की और से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि कामबाला की अनुमति देने वाली राज्य की अधिसूचना समाप्त हो गई है। ऐसे में अभी भैंसा दौड़ की वैधानिक अनुमति नहीं है। उत्सव आयोजन के पक्ष में राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले वर्ष 28 जनवरी को पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में संशोधन का फैसला लिया था।

तटीय जिले उडुपी, दक्षिण कन्नड़ और उत्तरी कर्नाटक के हिस्सों में बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन होता है। कामबाला दौड़ नवंबर और मार्च के बीच आयोजन होता है। इसमें भैंसे की जोड़ी को हल बांधने वाली लड़की के पट्टे से बांधा जाता है। एक आदमी उसे थामे रहता है। फिर उन्हें दौड़ाया जाता है। इस दौड़ में सबसे तेज भागने वाली जोड़ी विजयी होती है। अच्छी फसल के लिए इसका आयोजन किया जाता है।


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