Move to Jagran APP

पर्रिकर ने पूछा, अगस्ता डील की रिश्वत किसने ली तो एंटनी बोले-कार्रवाई करो

मनोहर पर्रिकर ने अगस्ता वेस्टलैंड डील पर पूर्व यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि पैसा किसने लिया, इसका जवाब पिछली सरकार को देना ही होगा।

By Neel Krishna Dwivedi Edited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 01:20 PM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 07:03 PM (IST)
पर्रिकर ने पूछा, अगस्ता डील की रिश्वत किसने ली तो एंटनी बोले-कार्रवाई करो

देहरादून, प्रेट्र। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में बीजेपी और कांग्रेस की बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला और तेजा होता जा रहा है। एक तरफ से रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यूपीए-2 के शासन में ये घोटाला हुआ इसलिए ये जवाब उन्हें देना ही होगा, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का बचाव करने सामने आए पूर्व रक्षामंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के.एंटनी ने कहा कि अगर सबूत है तो कार्रवाई करो।

loksabha election banner

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने देहरादून में कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में रिश्वत किसने ली ये बात पिछली यूपीए सरकार को बतानी हो होगी। उन्होंने कहा- “सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर पैसे किसने लिए? उस वक्त जिसका शासन था उन्हें ही इन बातों का जवाब देना होगा।” पर्रिकर ने कहा कि इटली की कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि हेलिकॉप्टर डील के लिए कंपनी द्वारा 125 करोड़ रूपए की रिश्वत दी गई थी।

पर्रिकर देहरादून के चीड़बाग में शौर्य स्थल का भूमि पूजन कर शिलान्यास करने आए थे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान पर्रिकर ने अप्रत्यक्ष तौर पर डील में शामिल लोगों का नाम लिए बिना कहा कि राजनेताओं और अधिकारियों ने कितनी रिश्वत ली ये तो जांच से पता ही चल जाएगा लेकिन जिस प्रकार से डील हुई है और जिस तरीके से कंपनी को मदद पहुंचाने की कोशिश की गई है। उसका जवाब पिछली सरकार को देना पड़ेगा। पर्रिकर ने कहा कि वो मामले पर ज्यादा नहीं बोल सकते क्योंकि ये मामला संसद में है और वहीं इस पर चर्चा की जाएगी।

ये भी पढ़ेंः अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम से जु़ड़ी सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

एंटनी ने कहा-सबूत है तो कड़ी कार्रवाई करो

अगस्ता मामले में भाजपा द्वारा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लगातार निशाना बनाए जाने के बाद अब पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने केंद्र सरकार को घूसखोरों के खिलाफ कार्रवाई की चुनौती दी है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए एंटनी ने कहा कि यदि किसी ने घूस दिया है या लिया है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इटली की अदालत में सुनवाई के दौरान हमारे वकीलों ने सभी गवाहों से जिरह की है। किसी स्तर पर कोई नाम सामने नहीं आया है। अब मेरा सवाल है कि सीबीआइ इस सरकार के साथ है। प्रवर्तन निदेशालय इस सरकार के साथ है। फिर यदि कोई साक्ष्य है, तो मोदी सरकार कार्रवाई में देरी क्यों कर रही है?

जब उनसे पूछा गया कि भाजपा ने तो इस मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ चौतरफा हमला बोल दिया है? एंटनी बोले, 'इटली की अदालत ने घूस देने वालों को सजा दी है। अब सरकार को घूस लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।' उन्होंने सवाल किया कि रिश्वत देने वाली कंपनी को आखिर राजग सरकार ने 'मेक इन इंडिया' अभियान का हिस्सा किस तरह बनाया?

अगस्ता वेस्टलैंड कभी ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया: जेटली

उधर, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील पर अपना हमला और तेज करते हुए केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि जो बातें कही जा रही कि यूपीए शासन के दौरान अगस्ता को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था ये और एनडीए ने उसे उस सूची से बाहर कर दिया ये सिर्फ एक दिमागी फितूर है।

केरल विधानसभा चुनाव के लिए वहां पहुंचे जेटली ने एनडीए के विजन डॉक्यूमेंट्स जारी करते हुए कहा कि पूर्व रक्षामंत्री एंटनी के उस बयान को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपीए शासनकाल के वक्त ही अगस्ता वेस्टलैंड डील में रिश्वत की बात सामने आने के बाद उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था।

गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला 2013 में पहली बार सामने आया था जब इटली में ‘फिनमेक्कनिका’ (इसकी सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड है) के तत्कालीन सीईओ को गिरफ्तार किया गया था। घोटाले में 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए 3,546 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था। इस डील में 360 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी की बात सामने आई कई जिसमें कई भारतीय राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा है। जिसके बाद हाल ही में आए इटली कोर्ट के फैसले के बाद मामले पर सियासी हलचल जारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.