छोटे कपड़े रेप के लिए जिम्मेदार : उप्र पुलिस
उत्तर प्रदेश पुलिस के एक शर्मनाक बयान को लेकर हंगामा मच गया है।पुलिस ने कहा है कि रेप की वारदात के लिए मोबाइल का उपयोग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक शर्मनाक बयान को लेकर हंगामा मच गया है।पुलिस ने कहा है कि रेप की वारदात के लिए मोबाइल का उपयोग और छोटे कपड़े जिम्मेदार हैं।महिला संगठनों ने बयान की तीखी आलोचना की है।
मेरठ के आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने उप्र पुलिस से आरटीआई के तहत ये पूछा था कि उप्र में रेप की वारदातें क्यों बढ़ रही हैं। बदले में पुलिस की तरफ से जवाब आया कि पश्चिमी सभ्यता का पहनावा महिलाओं के साथ रेप में बढ़ोतरी की वजह बन रहा है। पुलिस ने ये भी कहा कि महिलाओं के भीड़भाड़ वाले इलाकों में घूमने के चलते भी रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं।
बयान में पुलिस ने रेप की बढ़ती घटनाओं के लिए लड़कियों के कपडे़ और मोबाइल को जिम्मेदार माना । साथ ही टीवी सीरियल्स को भी जिम्मेदार ठहराया।
पुलिस ने अपने जवाब में और भी चीजों को रेप में बढो़तरी के लिए जिम्मेदार माना है। मसलन चैटिंग, फिल्में, बेरोजगारी, वहशीपन, पद लोलुपता।
इस शर्मनाक बयान पर तमाम दलों और संगठनों ने उप्र पुलिस को आडे़ हाथों लिया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा शुक्ला ने इसे महिलाओं के प्रति उप्र पुलिस की ओछी और घटिया मानसिकता करार दिया।
आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने भी पुलिस के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि लड़कियों के कपड़ों को जिम्मेदार ठहराना गलत है।
कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने पुलिस पर अपनी जिम्मेदारियों से भागने का आरोप जड़ा। चौतरफा आलोचना के बाद यूपी पुलिस ने इस मुद्दे पर फिलहाल अपनी जुबान बंद कर ली है।
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