यूपी के इन फरार आतंकियों पर सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें
लखनऊ। बिजनौर के जाटान विस्फोट में मध्यप्रदेश के खंडवा जेल से भागे आतंकियों का नाम आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें यूपी के फरार आतंकियों पर टिक गयी हैं। विस्फोट के संदिग्धों के कमरे की तलाशी में मिली आइडी की जांच में अधिकांश फर्जी पाई गई है। आइबी ने इन त्योहारों पर गड़बड़ी का अंदेशा जताया है। सूबे में सुर
लखनऊ। बिजनौर के जाटान विस्फोट में मध्यप्रदेश के खंडवा जेल से भागे आतंकियों का नाम आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें यूपी के फरार आतंकियों पर टिक गयी हैं। विस्फोट के संदिग्धों के कमरे की तलाशी में मिली आइडी की जांच में अधिकांश फर्जी पाई गई है। आइबी ने इन त्योहारों पर गड़बड़ी का अंदेशा जताया है। सूबे में सुरक्षा की व्यापक तैयारी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को बिजनौर के मोहल्ला जाटान स्थित मकान में विस्फोट होने के बाद फरार छह आतंकियों की तलाश में तीसरे दिन भी पुलिस ने सर्च अभियान चलाया लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं आतंकियों के कमरे से उज्जैन, मुम्बई व खंडवा के फोटो मतदाता पहचान पत्र, मुरादाबाद के एक चिकित्सक के यहां का कार्ड, मुजफ्फरनगर के एक युवक का डीएल, राउरकेला के रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म टिकट आदि मिले थे। पुलिस जांच में अधिकांश फर्जी निकल रहे है। इसमें मुजफ्फरनगर के युवक को जब पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, तो उसने बताया कि उसका ड्राइविंग लाइसेंस गुम हो गया था। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। बिजनौर एसपी सत्येन्द्र सिंह का कहना है कि कमरे से मिली आतंकियों की आइडी की जांच कराना जरूरी है। आतंकियों की इस मंशा को भी ध्यान रखा गया है। आतंकियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हैं।
तकनीक से लैस आतंकी
एटीएस की टीम के बाद बिजनौर पुलिस ने पीएल शर्मा रोड स्थिति गैलेक्सी शोरूम के स्वामी से पूछताछ के बाद डेढ़ घंटे की वीडियो फुटेज ली। टीम ने लैपटॉप में साफ्टवेयर अपलोड करने वाले इंजीनियर से भी वार्ता की है। माना जा रहा है कि दोनों आतंकी कंप्यूटर के मास्टर थे। इंटरनेट हाईस्पीड देने वाले साफ्टवेयर भी अपलोड कराए थे, जिस प्रकार से आतंकियों ने लैपटॉप खरीदा, उससे लगा कि उनके मंसूबे अच्छे नहीं थे। लैपटॉप में वह गूगल के द्वारा हर राज जानना चाहते थे। एटीएस की पड़ताल में आतंकियों का मेरठ से जुड़ाव सामने आया है। इलेक्ट्रोनिक्स बाजार में दिल कहे जाने वाले पीएल शर्मा रोड के गैलेक्सी शोरूम के अंदर डेढ़ घंटे रहने के बाद लैपटॉप की खरीद की थी, जब तक लैपटॉप में इंजीनियर ने साफ्टवेयर अपलोड किए तब तक दोनों आतंकी एजाजुद्दीन उर्फ एजाज और अमजद शोरूम के अंदर ही रहे। दोनों ने कई साफ्टवेयर अपलोड कराए। सबसे ज्यादा मांग हाईस्पीड इंटरनेट की कर रहे थे। दोनों को इंटरनेट चलाकर लैपटाप चेक भी कराया गया था। दरअसल, दोनों ही इंटरनेट के जरिए गूगल सर्च इंजन के तहत वेस्ट की पूरी जानकारी लेना चाहते थे।
आतंकियों का ठिकाना मेरठ
23 अगस्त को भरे बाजार दो आतंकी पीएल शर्मा रोड पर पहुंचते है, लैपटॉप की खरीदारी करने के बाद कहां जाते हैं, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। उसके बाद छह सितंबर को दोबारा से उसकी दुकान के अंदर आतंकियों की एंट्री होती है। वह भी पुलिस और खुफिया विभाग की नजरों के नीचे से बिजनौर चले जाते है। बिजनौर में डेरा डाले बैठे एटीएस के अफसर मान रहे है कि आतंकियों का ठिकाना बिजनौर के अलावा मेरठ में भी है, जिस प्रकार से उन्होंने मेरठ से लैपटॉप खरीदा है, उससे साफ है कि आतंकी मेरठ में भी रहे है। दरअसल, लैपटॉप से मेरठ में इंटरनेट चलने की पुष्टि भी हुई है। एटीएस की टीमें पूरा ब्यौरा खंगाल रही है। बिजनौर में कैंप किए एटीएस के बड़े अफसर ने बताया कि सिर्फ लैपटॉप खरीदने के लिए दोनों आतंकी मेरठ नहीं गए थे। बल्कि उनका वहां रहने का ठिकाना भी है। माना तो यहां तक जा रहा है कि मेरठ में बैठकर ही आतंकियों का पूरे वेस्ट को कवर करने का इरादा था। बेगमपुल से सीसीटीवी की फुटेज जो बिजनौर पुलिस की टीम ने हासिल की है, उससे माना जा रहा है कि आतंकियों ने आबूलेन से भी शॉपिंग की है। उन्होंने वहां से क्या खरीदा? इसकी पड़ताल बिजनौर पुलिस और एटीएस की टीम कर रही है।
नेपाल बार्डर पर छानबीन
बिजनौर के जाटान विस्फोट में मध्यप्रदेश के खंडवा जेल से भागे आतंकियों का नाम आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें यूपी के फरार आतंकियों पर टिक गयी हैं। दिल्ली के बाटला हाऊस कांड के बाद से ही फरार चल रहे दस-दस लाख के ईनामी अब एटीएस, आइबी और एनआइए के निशाने पर आ गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को भनक लगी है कि हुलिया बदलकर ये लोग एक दूसरे को मदद पहुंचा सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियां खासतौर से एटीएस ने इन पर फोकस किया है। अंदेशा है कि बिजनौर के आरोपियों पर केंद्रित सुरक्षा एजेंसियों की व्यस्तता का लाभ उठाते हुए फरार आतंकी किसी दूसरे मोर्चे पर घटनाएं कर सकते हैं। इनके द्वारा आरोपियों को मदद भी दी जा सकती है। चूंकि खंडवा जेल से फरार आतंकियों में अबू फैजल की पृष्ठभूमि आजमगढ़ से ही जुड़ी है, इसलिए माना जा रहा है कि इन दोनों टीमों की आमदरफ्त से कोई नया खतरा उत्पन्न हो सकता है। फरार आतंकियों में आजमगढ़ के संजरपुर के शाहनवाज को सबसे ज्यादा अनुभवी माना जाता है। सीमावर्ती इलाकों में रिश्ते मजबूत करने और पनाह के लिए ठौर तैयार करने में शाहनवाज का नाम एटीएस की हिट लिस्ट में है। आजमगढ़ के ही आरिज खान, मिर्जा शादाब, मोहम्मद खालिद और मोहम्मद साजिद पर भी दस-दस लाख का ईनाम है। 35 से 45 वर्ष के इन आरोपियों ने नेपाल में भी अपना ठिकाना बना रखा है। अबू फैजल का इन सबसे कनेक्शन है। एटीएस पीलीभीत से लेकर महराजगंज तक एसएसबी, स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद से आने जाने वालों पर निगाह लगाए है। एटीएस और एसटीएफ की टीमों को अंदेशा है कि बार्डर के रास्ते अगर खंडवा के आतंकियों ने नेपाल भागने की कोशिश की तो उनकी मदद में भी ये सक्रिय हो सकते हैं।
त्योहारों को लेकर सतर्कता
सुरक्षा एजेंसियों ने दशहरा और दीपावली को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी हैं। आइबी ने इन त्यौहारों पर गड़बड़ी का अंदेशा जताया है। सूबे में सुरक्षा की व्यापक तैयारी की जा रही है। जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इसके लिए अलर्ट किया गया है। उन्हें मोहल्लेवार अभियान चलाकर नये आने वाले किरायेदारों और अजनबी लोगों की विशेष पड़ताल के निर्देश दिए गए हैं। दो लाख रुपये के ईनामी वासिक उर्फ रमजान के बारे में भी अफसरों को अलर्ट किया गया है। उसे यूपी का माहौल खराब करने की जिम्मेदारी है। इंडियन मुजाहिदीन, सिमी और अन्य देश विरोधी संगठनों से जुड़े लोगों पर निगाह रखने के साथ ही सीमावर्ती इलाकों में विशेष सतर्कता की हिदायत दी गयी है।