Move to Jagran APP

यूपी के मुख्य सचिव ने मानी डेंगू से मौतें, 48 अफसरों पर गिरेगी गाज

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने डेंगू से हुई मौतों को मान लिया। चूक स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि 48 अफसरों को15 दिन के भीतर निलंबित किया जाएगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 28 Oct 2016 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 28 Oct 2016 01:11 PM (IST)
यूपी के मुख्य सचिव ने मानी डेंगू से मौतें, 48 अफसरों पर गिरेगी गाज

लखनऊ (जेएनएन)। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण डेंगू से लगातार हो रही मौतों पर सख्त हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष पेश होकर मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने गलती मान ली। सरकारी महकमों की ओर से हुई चूक स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि 48 अफसर चिन्हित कर लिये गए हैं, जिन्हें नियमानुसार कार्रवाई कर 15 दिन के भीतर निलंबित कर दिया जाएगा।

loksabha election banner

डेंगू पर हाईकोर्ट सख्त कहा, क्यों न उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाये

न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की खंडपीठ ने 25 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर यहां तक कह दिया था कि प्रदेश में सांविधानिक तंत्र विफल हो गया है। न्यायालय ने स्पष्टीकरण के लिए मुख्य सचिव को गुरुवार को तलब किया था। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मुख्य सचिव राहुल भटनागर महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह व अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोडियाल और आइपी सिंह के साथ कोर्ट केसमक्ष पेश हुए।

जनता डेंगू से मर रही और आप कागजी घोड़े दौड़ा रहे: हाईकोर्ट

मुख्य सचिव ने स्वयं ही आधे घंटे तक कोर्ट को राज्य सरकार की योजना के बारे में विस्तार से बताया, जिसके बाद न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को तय करते हुए कृत कार्यवाही का ब्यौरा तलब कर लिया। न्यायालय के सख्त रुख को देखते हुए मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ 15 दिन के भीतर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने न्यायालय को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार आम नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशील है और इस विषय पर ठोस कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने न्यायालय को बताया कि राज्य सरकार ने एक हाई पावर कमेटी व एक टेक्निकल कमेटी बना दी है।

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कहां गए बीमारियों के लिए केंद्र से मिले 25 करोड़

सरकार ने यह भी तय किया है कि वह केंद्र सरकार के फंड का इंतजार नहीं करेगी और स्वयं इन बीमारियों के इलाज व रोकथाम के लिए धन आवंटित करेगी। न्यायालय के यह पूछे जाने पर कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है, खिलाफ क्या किया जा रहा है, बताया कि 48 लापरवाह अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जिस पर न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा कि उन्हें अब तक निलंबित क्यों नहीं किया गया। इस पर मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि 15 दिन के भीतर नियमानुसार उनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की जाएगी।

हाईकोर्ट: अपराधों में लिप्त अभ्यर्थी नहीं हो सकते चयन प्रक्रिया में शामिल

डेंगू घोषित होगी महामारी
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने इस बात पर भी बल दिया कि सरकार को डेंगू मरीजों के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए तत्काल एक प्रोटोकाल तय करना चाहिए जिसके तहत बुखार से पीडि़त किसी मरीज का इलाज किया जाए। वहीं सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि राज्य सरकार नोटिफिकेशन जारी करके डेंगू को महामारी घोषित करेगी।

प्रमुख सचिव व सचिव हों पेश
न्यायालय ने 16 नवंबर को अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव को कृत कार्यवाही के संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने का आदेश दिया है। जिसमें चिकित्सा व स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ सचिव, नगर विकास को भी उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।

फिर भी होती लापरवाही
डेंगू की रोकथाम की मांग वाली कई जनहित याचिकाओं पर एक साथ हो रही इस सुनवाई के दौरान आदर्श मेहरोत्रा ने कहा कि न्यायालय ने वर्ष 2003 में भी आदेश पारित किया था लेकिन अधिकारियों की ओर से लापरवाही जारी है। हर साल जुलाई से नवंबर के बीच डेंगू से कई लोगों की जान चली जाती है।

महाधिवक्ता को लिया आड़े हाथ
मामले की पिछली तारीखों पर ही सुनवाई के दौरान अधिवक्ता एसके सिंह ने भी अर्जी दी थी। उनके बेटे की हाल ही में चिकित्सकों द्वारा गलत इलाज करने के कारण डेंगू बुखार से मौत हो गयी थी। उन्होंने राज्य सरकार का बचाव कर रहे महाधिवक्ता को आड़े हाथों लिया। एसके सिंह ने कहा कि महाधिवक्ता को सरकार को नहीं आम लोगों को बचाने के बारे में सोचना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.