देश के सबसे बड़े यूपी बोर्ड में बदलेगी पढ़ाई की पद्धति, पाठयक्रम और सुविधाएं
1970 के बाद से लेकर 2003 तक के सारे अभिलेख डिजिटाइज फार्म में होंगे। शासन ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इसका प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
इलाहाबाद [धर्मेश अवस्थी]। दुनिया के सबसे बड़े यूपी बोर्ड में आमूलचूल बदलाव होने जा रहा है। यहां के वर्षों पुराने पाठ्यक्रम में तब्दीली के साथ ही सुविधाएं मुहैया कराने का तरीका बदल रहा है, ताकि अभ्यर्थियों व अभिभावकों को बेवजह की भागदौड़ न करनी पड़े और सारी सुविधाएं उन्हें घर बैठे मुहैया हो जाएं। इसके लिए बोर्ड मुख्यालय से लेकर पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों में प्रक्रिया शुरू है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के जरिये समान शिक्षा की मुहिम को जोर पकड़ाने की तैयारी है। शासन ने सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम बदलने का निर्देश दिया। विशेषज्ञों ने जुलाई व अगस्त में दो चरणों में यह कार्य पूरा कर लिया है। शासन ने भी पाठ्यक्रम में हुए 70 फीसदी से अधिक के बदलाव को मंजूरी दी है। अब इसे एनसीईआरटी को भेजा जा रहा है।
वहां से अनुमोदन के बाद इसी साल दिसंबर तक पुस्तकें बाजार में मुहैया होंगी, ताकि अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र में पढ़ाई की समस्या न रहे। इसी तरह से बोर्ड के शैक्षिक रिकॉर्डों का डिजिटाइजेशन होना है। 1970 के बाद से लेकर 2003 तक के सारे अभिलेख डिजिटाइज फार्म में होंगे। शासन ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इसका प्रस्ताव भेजा जा रहा है। इस पर अनुमोदन के बाद कार्य शुरू होना है।
पिछले महीनों में शासन व परिषद के अफसरों की लखनऊ में बैठक हुई थी, उसमें करीब दो दर्जन से अधिक कार्यों को समयबद्ध तरीके से निपटाने को कहा गया। शासन ने हर कार्य पूरा करने की समय सारिणी भी जारी की है। इसमें परीक्षा केंद्र बनाने से लेकर अध्यापकों के चयन का जिक्र किया गया है। इसी के लिहाज से सारे कार्य हो रहे हैं। अगले माह तक डुप्लीकेट अंक व प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए अभ्यर्थी व उनके अभिभावकों को बोर्ड मुख्यालय या फिर क्षेत्रीय कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे, बल्कि ऑनलाइन आवेदन के बाद वह ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे।
साथ ही अभिलेख डिजिटाइज होने से उनमें हेरफेर की गुंजायश खत्म हो जाएगी। यह कार्य अगले साल अगस्त में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। हाईस्कूल व इंटर परीक्षा की फीस भी ऑनलाइन जमा करने के निर्देश जारी हुए हैं। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव कहतीं हैं कि शासन व परिषद अध्यक्ष ने वर्ष भर के हर कार्य पूरा होने की समय सीमा तय की है, उसे पूरा करने पर हम सब जुटे हैं, जल्द ही बदलाव का सबको अहसास होगा।
इन कार्यों की बनी समय सारिणी
- यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर के सभी शैक्षिक अभिलेख डिजिटाइज होंगे।
- विद्यालयों में प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों पर चयन।
- ऑनलाइन डुप्लीकेट अंक व प्रमाणपत्र की ऑनलाइन व्यवस्था।
- राजकीय मॉडल इंटर कालेजों में पद सृजन से लेकर उनका संचालन।
- ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण व नकल पर प्रभावी अंकुश लगाना।