किसानों के लिए आफत बनकर आई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि, 5.23 लाख हेक्टेयर से अधिक की फसल प्रभावित
बेमौसम बारिश के कारण कई राज्यों में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। देश के तीन राज्यों की रबी फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों के चेहरे उतरे हुए हैं क्योंकि अभी कुछ दिनों तक यह बेमौसन बारिश की मार जारी रहेगी।
नई दिल्ली, पीटीआई। बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने कई राज्यों में परेशानी खड़ी कर दी है। वहीं, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 5.23 लाख हेक्टेयर से अधिक गेहूं की फसल को प्रभावित किया है, जिससे किसानों में भारी उपज नुकसान और कटाई की चुनौतियों का डर पैदा हो गया है।
तीन राज्यों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान
भारत गेहूं के प्रमुख उत्पादकों में से एक है और इस तरह की क्षति वैश्विक स्तर पर लगातार उच्च मुद्रास्फीति और खाद्य सुरक्षा संकट जैसे हालात पैदा कर सकता है। अधिकारियों के अनुसार, खराब मौसम के कारण तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लगभग 5.23 लाख हेक्टेयर गेहूं की फसल खराब होने का अनुमान लगाया गया है।
रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान
साथ ही, उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। इस साल गेहूं का बोया गया रकबा करीब 34 लाख हेक्टेयर है। अधिकारियों ने कहा कि सरकार चालू 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगा रही है।
केन्द्र सरकार करेगी समीक्षा
केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा ने समाचार एजेंसी पीटाई को बताया कि पिछले दो से तीन दिनों में हुई बेमौसम बारिश के कारण गेहूं और अन्य रबी फसलों को हुए नुकसान की केन्द्र सरकार सोमवार को राज्य सरकारों के साथ समीक्षा करेगी। गेहूं एक प्रमुख रबी (सर्दियों) की फसल है। बारिश ऐसे समय में आई है, जब फसल कटाई के लिए लगभग तैयार थी। यहां तक कि मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद शुरू हो गई है।
पिछले दो हफ्तों से, प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण आंधी, ओलावृष्टि और तेज हवा के साथ बेमौसम बारिश हुई है। बेमौसम बारिश अभी कुछ और दिनों तक जारी रहने की उम्मीद भी है।
50 प्रतिशत फसल नुकसान होने की संभावना
पंजाब के एक उत्पादक ने बताया, "खराब मौसम की वजह से गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। 20 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज इस बार घटकर 10-11 क्विंटल प्रति एकड़ रह जाएगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि तेज हवाओं के कारण बदरपुर में कई जगह उनकी फसल पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।
सिंह ने कहा कि बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसल में औसतन 50 प्रतिशत उपज का नुकसान होगा। उन्होंने कहा, "अगर बारिश अधिक दिनों तक जारी रही, तो फसल पूरी तरह से इसमें डूब जाएगी।"
मध्य प्रदेश में एक लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "मध्य प्रदेश में गेहूं की खेती का कुल क्षेत्रफल 95 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से लगभग एक लाख हेक्टेयर हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हो गई है। हालांकि, फसल का नुकसान बहुत अधिक नहीं है, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों में भी फसल की चमक थोड़ी प्रभावित हुई है।
राजस्थान में गेहूं के साथ कई फसलें प्रभावित
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राजस्थान में भी 29.65 लाख हेक्टेयर के कुल बोए गए क्षेत्र में से लगभग 3.88 लाख हेक्टेयर गेहूं की फसल बेमौसम बारिश के कारण प्रभावित हुई है। राजस्थान में गेहूं के अलावा सरसों, चना, जौ और अन्य सब्जियों की फसलें प्रभावित हुई हैं। सूत्रों ने कहा कि राज्य में बारिश के कारण करीब 1.54 लाख हेक्टेयर सरसों और 1.29 लाख हेक्टेयर चने की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।
उत्तर प्रदेश के नौ जिले ज्यादा प्रभावित
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त के कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश से 35,000 हेक्टेयर से अधिक गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। सबसे ज्यादा नुकसान राज्य के नौ जिलों आगरा, बरेली, चंदौली, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, प्रयागराज, उन्नाव और वाराणसी से हुआ है। यूपी के राहत आयुक्त प्रभु एन सिंह ने कहा, "अनुमानित 1.25 लाख गेहूं किसान बारिश से प्रभावित हुए हैं।"
राज्य सरकार ने किसानों को दी राहत
कई राज्यों में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण किसान बहुत हद तक प्रभावित हुए हैं। इस बीच कुछ राज्य सरकारों ने किसानों को राहत देने के लिए कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब सरकार ने पिछले सप्ताह मौसम की मार के कारण फसल के नुकसान के मुआवजे में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री एम एल खट्टर ने कहा था कि किसान फसल नुकसान को ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं और मई महीने तक सभी किसानों को मुआवजा प्रदान कर दिया जाएगा।