एलजीबीटी के साथ भेदभाव पर नजर रखने को विशेषज्ञ
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञ समलैंगिकों, किन्नरों, द्विलिंगियों तथा लिंग आधारित अन्य असामान्य लोगों के साथ होने वाले भेदभाव पर नजर रखेगा।
जेनेवा, एपी। संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों की उच्चस्थ संस्था ने हिंसा और लिंग आधारित भेदभाव पर नजर रखने के लिए एक विशेषज्ञ की नियुक्ति का फैसला किया है। मानवाधिकार परिषद की गुरुवार को हुई बैठक के दौरान 23-18 के बहुमत से इस आशय का फैसला किया गया।
प्रस्ताव को लेटिन अमेरिकी और पश्चिमी देशों का व्यापक समर्थन मिला। जबकि अफ्रीकी, पश्चिमी एशियाई देशों और चीन ने प्रस्ताव का विरोध किया। 47 सदस्यीय इस परिषद में भारत सहित छह देश मतदान से बाहर रहे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इसके लिए भारत की कानूनी स्थिति को कारण बताया है। संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञ की नियुक्ति तीन साल के लिए होगी और वह समलैंगिकों, किन्नरों, द्विलिंगियों तथा लिंग आधारित अन्य असामान्य लोगों के साथ होने वाले भेदभाव पर नजर रखेगा।
इस विशेषज्ञ की नियुक्ति सितंबर में जेनेवा में होने वाली परिषद की अगली बैठक में होगी। स्वीडिश फेडरेशन फॉर एलजीबीटीक्यू राइट्स के मीका ग्रेजियानोविज के अनुसार यह हमारे लिए सुखद है। यह हमारी तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिए जाने का मौका है। इससे हमारे साथ हो रहे भेदभाव के बारे में दुनिया को जानने का मौका मिलेगा।
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