'छाती तोडऩे वाले यह समझ लें कि 90 के पहले का बिहार नहीं है'
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छाती तोडऩे की बात करने वाले को समझना चाहिए कि यह 1990 के पहले का बिहार नहीं है, जब पिछड़े व कमजोर वर्ग के लोगों की कोई हैसियत नहीं थी।
पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छाती तोडऩे की बात करने वाले को समझना चाहिए कि यह 1990 के पहले का बिहार नहीं है, जब पिछड़े व कमजोर वर्ग के लोगों की कोई हैसियत नहीं थी।
उन्होंने सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा नेताओं के संबंध में दिए गए अभद्र बयान पर प्रतिक्रिया से यह कहकर इन्कार कर दिया कि जयचंद व मीर जाफर जैसे गद्दारों पर कुछ बोलना ठीक नहीं है।
सोमवार को दिल्ली प्रस्थान करने से पहले लालू ने कहा कि 1990 के बाद बिहार में राजनीतिक व सामाजिक परिवेश बदला है। जागरुकता आई है। शिक्षा का फैलाव हुआ है। अब यदि कोई नेता राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए, जातीय उन्माद फैलाने के लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करेगा तो उसे समर्थन नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि लालू 1990 में ही पहली बार मुख्यमंत्री बने थे।
लालू ने कहा कि मैं पहले से ही लोगों को आगाह कर रहा हूं कि भाजपा शासन में देश टूट जाएगा। प्रदेश की जनता भाजपा की साजिश को समझ रही है। राज्य सरकार को असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए।
इसके लिए सजग व सतर्क रहने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर बिहार में भाजपा सत्ता में नहीं आ सकती है। आखिर केंद्र सरकार ने ऐसा कौन काम किया है कि जनता उनका समर्थन करेगी। महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान जनता को जो सब्जबाग दिखाए गए थे, उसमें एक का भी पालन नहीं हुआ है।