राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी की रिहाई को लेकर दुविधा में तमिलनाडु सरकार
नलिनी की सजा को साल 2000 में आजीवन कारावास के रूप में बदल दिया गया जबकि तीन दोषियों मुरगन, संथन और पेरारीवलन की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा।
चेन्नई। राजीव गांधी हत्याकांड के मुख्य आरोपी नलिनी श्रीहरन की सजा पूर्व रिहाई को लेकर तमिलानाडु सरकार अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है क्योंकि नलिनी श्रीहरन और बाकी 6 आरोपियों का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। राज्य सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट में दिए अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने भी अभी तक नलिनी श्रीहरन की रिहाई को लेकर कोई प्रक्रिया नहीं दी है जिससे उसकी सजा पूर्व रिहाई पर असमंजस बना हुआ है।
तमिनाडू सरकार ने नलिनी श्रीहरन की सजा पूर्व रिहाई की याचिका को लेकर दलील है कि उन्होंने अपने 25 साल से ज्यादा जेल में गुजार दिए हैं जबकि सजा पूर्व रिहाई की कानूनी सीमा 20 साल है। राज्य के गृह विभाग के मुताबिक उन्होंने केंद्र सरकार को 2 मार्च 2016 को नलिनी श्रीहरन की रिहाई को लेकर पत्र भेजा था लेकिन अभी तक उसका जवाब नहीं आया है।
आपको बता दें कि 21 मई 1991 को अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के आरोप में 26 आरोपियों को दोषी मानते हुए चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी जिनमें नलिनी उसका पति मुरगन भी शामिल है। नलिनी की सजा को साल 2000 में आजीवन कारावास के रूप में बदल दिया गया जबकि तीन दोषियों मुरगन, संथन और पेरारीवलन की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। नलिनी ने कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है जिसमें उसने कहा है कि उसे छोड़ दिया जाए क्योंकि वो 20 साल से ज्यादा जेल की सजा काट चुकी है।