गंगा मित्रों की फौज खड़ी कर देंगी उमा भारती
देश तथा प्रदेश में शिक्षा की बेपटरी हो चली व्यवस्था को सुधारने को शिक्षा मित्रों की तैनाती की तर्ज पर जीवनदायिनी गंगा नदी के लिए उमा भारती गंगा मित्रों की फौज भी खड़ी कर सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा नदी के उद्धार के प्रति वचनबद्धता को देखते हुए अब गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय बनाया गया है।
लखनऊ। देश तथा प्रदेश में शिक्षा की बेपटरी हो चली व्यवस्था को सुधारने को शिक्षा मित्रों की तैनाती की तर्ज पर जीवनदायिनी गंगा नदी के लिए उमा भारती गंगा मित्रों की फौज भी खड़ी कर सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा नदी के उद्धार के प्रति वचनबद्धता को देखते हुए अब गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय बनाया गया है।
गंगा के उद्धार को लंबे समय से कार्यरत उमा भारती को इस विभाग का मंत्री भी बनाया गया है। गंगा सेवा में तत्पर उमा भारती पांच माह पहले से एक नई कवायद में जुटी हुई थीं। महज गंगा प्रेमियों के साथ ही अपने संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं के भरोसे। तय हुआ था कि 15 जनवरी को वाराणसी के मारकंडेय महादेव धाम से गंगा चौकियों की स्थापना संबंधी मुहिम का श्रीगणेश होगा। इसके तहत गंगा किनारे बसे शहरों सहित एकदम तटवर्ती ग्रामीण अंचल के बड़े कस्बों तक को शामिल किया जाना था। प्रत्येक गंगा चौकी पर उसके क्षेत्रफल के आधार पर पांच या दस गंगा प्रहरी तैनात किए जाने थे। गंगा प्रहरियों की भूमिका भी तय थी। वह जनजागरूकता और अनुनय-विनय से यह सुनिश्चित कराते कि गंगा में कूड़ा कचरा न फेंका जाए। साथ ही घाटों और किनारों को पर्यावरण प्रेमियों के सहयोग से साफ करने-कराने का भी क्रम चलता। कवायद हरिद्वार से लेकर पटना तक होनी थी जिसका श्रीगणेश करने के लिए काशी को चुना गया था।
अब तो पूरा मंत्रालय हाथ में
जो उमा भारती बिना किसी सरकारी मदद के सिर्फ गंगा सेवा की धुन में इतना बड़ा अनुष्ठान करने में जुटी थीं, अब उन्हें तो जैसे खुद मां गंगा का आशीर्वाद मिल गया। न सिर्फ सरकार उनकी पार्टी की बनी बल्कि गंगा के नाम एक अलग मंत्रालय की बागडोर भी उन्हें थमा दी गई। ऐसे में उनके जज्बे और काम की धुन को नजदीक से जानने और समझने वालों का दावा है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि उमा भारती आने वाले समय में गंगा के प्रवाह क्षेत्र वाले तटवर्ती शहरों और ग्रामीण अंचलों में गंगा मित्रों की किसी योजना को मूर्त रूप दे दें।