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सात को छोड़ सभी कॉलेजों ने यूजीसी को हामी भरी

दिल्ली विश्वविद्यालय [डीयू] के 64 में से 57 कॉलेजों ने सीधे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग [यूजीसी] को लिखित भरोसा दिलाया है कि वे चार वर्षीय पाठ्यक्रम को लागू नहीं करेंगे। इन कॉलेजों ने यूजीसी के पत्र के जवाब में यह बात कही है। यूजीसी ने चार वर्षीय पाठ्यक्रम में दाखिला नहीं लेने का अपना आदेश मंगलवार को डीयू को दोबार

By Edited By: Published: Wed, 25 Jun 2014 06:16 AM (IST)Updated: Wed, 25 Jun 2014 06:16 AM (IST)
सात को छोड़ सभी कॉलेजों ने यूजीसी को हामी भरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय [डीयू] के 64 में से 57 कॉलेजों ने सीधे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग [यूजीसी] को लिखित भरोसा दिलाया है कि वे चार वर्षीय पाठ्यक्रम को लागू नहीं करेंगे। इन कॉलेजों ने यूजीसी के पत्र के जवाब में यह बात कही है। यूजीसी ने चार वर्षीय पाठ्यक्रम में दाखिला नहीं लेने का अपना आदेश मंगलवार को डीयू को दोबारा भेज दिया है।

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यूजीसी ने देर शाम को बताया कि उसने दाखिले के मौके पर विद्यार्थियों के बीच गफलत को दूर करने के लिए डीयू को दोबारा आदेश जारी किया है। 20 जून के आदेश की ही तरह इस बार भी उसने साफ तौर पर कहा है कि विश्वविद्यालय इस साल हो रहे दाखिलों में तीन वर्षीय पाठ्यक्रमों के लिए ही दाखिले लें। उसने डीयू को यह आदेश कॉलेजों को भी भेजने और तुरंत इसका अमल सुनिश्चित करवाने के लिए कहा है। साथ ही यह भी बताया है कि डीयू के 57 कॉलेजों ने सीधे उसे पत्र लिखकर सूचना दी है कि वे उसके निर्देश के मुताबिक इस साल सिर्फ तीन साल के पाठ्यक्रम में ही दाखिला लेने को तैयार हैं।

हालांकि यह साफ नहीं है कि जिन कॉलेजों ने अब तक अपनी स्वीकारोक्ति यूजीसी को नहीं दी है, उनका इस पर क्या रुख है? क्योंकि इनकी ओर से किसी पत्राचार की जानकारी यूजीसी ने नहीं दी है। मगर अपना आदेश दोबारा भेजने और उसे फिर से कॉलेजों को भी भेजने को कहने से जाहिर है कि अभी कुछ कॉलेज इस पाठ्यक्रम को इस तरह अचानक बंद कर देने को लेकर तैयार नहीं हैं। यूजीसी ने यह भी कहा है कि पिछले साल इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले छात्रों को तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में लाने के लिए उपाय भी वह जल्दी ही तय करेगा। इस काम के लिए वह अपनी ओर से इस मामले पर बनाई गई स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सुझाव का इंतजार करेगा।

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