इस ब्राउजर के यूजर्स हो जाएं सावधान, लीक हो रही आपकी निजी जानकारियां
यूसी वेब इंक के बनाये हुए ‘यूसी ब्राउजर’ का चीनी और इंग्लिश वर्जन बड़ी आसानी से थर्ड पार्टी को यूजर्स संबंधित सभी सूचनाएं जैसे लोकेशन, सर्च डिटेल्स और मोबाइल सब्सक्राइबर के साथ डिवाइस नंबर दे रहा है।
नई दिल्ली। यूसी वेब इंक के बनाये हुए ‘यूसी ब्राउजर’ का चीनी और इंग्लिश वर्जन बड़ी आसानी से थर्ड पार्टी को यूजर्स संबंधित सभी सूचनाएं जैसे लोकेशन, सर्च डिटेल्स और मोबाइल सब्सक्राइबर के साथ डिवाइस नंबर दे रहा है।
पॉपुलर और तेज चलने वाले इस ब्राउजर के माध्यम से सूचनाओं को इस तरह लीक करना प्राइवेसी पर खतरा है क्योंकि सूचनाएं पाकर कोई भी इसका दुरुपयोग कर सकता है।
इससे कोई भी डाटा ट्रैफिक को एक्सेस कर यूजर्स और उनके डिवाइस को पहचान सकता है और उनका प्राइवेट सर्च डाटा ले सकता है जो यूजर्स की प्राइवेसी के लिए खतरा है।
अलीबाबा के प्रवक्ता बॉब क्रिस्टी कहा कि यूजर्स को एक अपडेट के जरिए इसे अप्रैल में ही ठीक कर दिया गया था। उन्होंने कहा 'हम सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेते हैं और हम अपने यूजर्स की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।'
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो आधारित सिटिजन लैब की मानें तो यूसी ब्राउजर चीन और भारत का सबसे पॉपुलर वेब ब्राउजर है और इसके करीब 500 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। जिनमें चीन इस्तेमाल होने वाली यूसी ब्राउजर ज्यादा खतरनाक है। लैब के मुताबिक, 'कई नेटवर्क ऑपरेटर्स को बड़ी मात्रा में फाइन ग्रेन्ड डेटा पॉइंट्स लीक कर यूसी ब्राउजर यूजर्स के लिए रिस्क बढ़ा रहा है। '
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