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कौसरनाग यात्रा के विरोधियों पर बरसे उमर

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पर्यावरण के नाम पर कौसरनाग यात्रा का विरोध करने वालों को खरी-खोटी सुनाई हैं। उमर ने कहा कि पर्यावरण के नाम पर इस यात्रा के विरोध को तूल देने वाले अलगाववादियों और उनके समर्थकों को यहां के स्थानीय लोग नजर नहीं आते जो रियासत के पर्यावरण और पारिस्थितिक

By Edited By: Published: Sun, 17 Aug 2014 10:39 AM (IST)Updated: Sun, 17 Aug 2014 10:41 AM (IST)
कौसरनाग यात्रा के विरोधियों पर बरसे उमर

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पर्यावरण के नाम पर कौसरनाग यात्रा का विरोध करने वालों को खरी-खोटी सुनाई हैं। उमर ने कहा कि पर्यावरण के नाम पर इस यात्रा के विरोध को तूल देने वाले अलगाववादियों और उनके समर्थकों को यहां के स्थानीय लोग नजर नहीं आते जो रियासत के पर्यावरण और पारिस्थितिक संतुलन को तबाह कर रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि 150 लोगों के झील पर जाने से कैसे वहां तबाही हो जाती। आप गुलमर्ग जाएं, पहलगाम या सोनमर्ग जाकर देखिए कि कैसे सप्ताहांत में वहां एक दिन छुटटी मनाने गए हमारे कश्मीर के लोग कितनी गंध फैलाकर आए होते हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले से निपटने में स्थानीय प्रशासन भी नाकाम रहा है। इस यात्रा को सियासी रंग देने वालों की मजबूरी को मैं समझ सकता हूं, लेकिन प्रशासन ने जिस तरह से इस मामले पर कार्रवाई की, वह भी उचित नहीं है। अगर संबधित प्रशासनिक अधिकारी कुछ सूझ-बूझ का परिचय देते तो यह विवाद ही पैदा नहीं होता।

अफस्पा का जिक्र करते हुए उमर ने कहा कि इसे हटाए जाने का विरोध करने वालों को हालात में सुधार को देखते हुए अपने स्टैंड पर पुनर्विचार करना चाहिए। बार-बार इस मामले को उठाने और नई दिल्ली को अफस्पा हटाए जाने के मुद्दे पर पूरी तरह सहमत न कर पाने के कारण कुछ लोग अफस्पा को लेकर मुझ पर व्यंग्य भी करते हैं, लेकिन मैं इससे हार नहीं मानने वाला। हम एक बार नाकाम रहें या दो बार नाकाम हो जाएं, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। जब यहां आतंकवाद में कमी आई है तो मैं यह पूरे यकीन से कह सकता हूं कि जो लोग आज अफस्पा हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं, वह भी हकीकत को समझेंगे और हम इसे हटाने में कामयाब रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साढे़ पांच वर्षो के दौरान आतंकी ¨हसा में 80 फीसद की कमी आई है। हालात में बेहतरी के चलते एक हजार निजी इमारतें 300 सरकारी इमारतें, 40 होटल और 30 औद्योगिक इकाइयों को सुरक्षाबलों से खाली कराया गया है। राज्य सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्वास नीति के तहत 350 नौजवान गुलाम कश्मीर से लौटकर अब शांतिपूर्ण जिंदगी जी रहे हैं।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अलगाववादियों को बहिष्कार की सियासत के लिए आडे़ हाथ लेते हुए लोगों से राज्य में नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का आग्रह किया। शुक्रवार को यहां बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आप जिसे भी वोट डालें, यह आपका अपना फैसला है, लेकिन घर बैठकर अपना वोट यूं ही जाया न करें।

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