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मोदी सरकार: साल दो, अध्यादेश 21

2015 में कुल 10 अध्यादेश जारी किए गए। इसमें से एक भूमि कानून में संशोधन के लिए जारी किया गया जिसे दो बार तीन अप्रैल और 30 मई को जारी किया गया।

By Atul GuptaEdited By: Published: Thu, 26 May 2016 01:53 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2016 08:09 AM (IST)
मोदी सरकार: साल दो, अध्यादेश 21

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मई 2014 में सत्ता में आने के बाद राजग सरकार ने अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही दो अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की थी। इसमें एक अध्यादेश ट्राई अधिनियम में संशोधन के लिए जारी किया गया ताकि नृपेंद्र मिश्रा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव बन सकें और दूसरा अध्यादेश आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन के लिए जारी किया गया ताकि पोलावरम परियोजना के लिए कुछ गांवों को अंतरित किया जा सके। दोनों अध्यादेश 28 मई 2014 को जारी किए गए थे।

राज्य शिक्षा बोर्डों को इस साल साझा मेडिकल प्रवेश परीक्षा से बाहर रखने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जारी अध्यादेश इस राजग सरकार का 21 वां अध्यादेश रहा।

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सरकार ने 2014 में कुल पांच अन्य अध्यादेश जारी किए थे। इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 में संशोधन के लिए जारी अध्यादेश भी शामिल था। भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश तीन बार जारी और फिर से जारी किया गया। उसके बाद सरकार ने अध्यादेश के रास्ते को छोड़ दिया और अधिनियम बनाने का रास्ता अपनाया।

2014 में अन्य अध्यादेश कोयला खदान (विशेष प्रावधान) दो बार जारी किए गए। इसके अलावा वस्त्र उपक्रमों और बीमा कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किए गए।

2015 में कुल 10 अध्यादेश जारी किए गए। इसमें से एक भूमि कानून में संशोधन के लिए जारी किया गया जिसे दो बार.. तीन अप्रैल और 30 मई को जारी किया गया।

अन्य अध्यादेश जो 2015 में जारी किए गए उसमें नागरिकता अधिनियम में संशोधन करना शामिल था। इसके जरिए पर्सन्स ऑफ इंडियन ओरिजिन (पीआईओ) का ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) योजना में विलय कर दिया गया। इसके जरिए पीआईओ को भी आजीवन भारतीय वीजा मिलेगा। एक अन्य अध्यादेश का लक्ष्य मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करना था ताकि ई-कार्ट और ई-रिक्शा को इस कानून के दायरे में लाया जा सके।

इस साल शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश दो बार जारी किया गया।

संसद के बजट सत्र का 29 मार्च को सत्रावसान कर दिया गया ताकि सरकार केंद्रशासित उत्तराखंड में राजनैतिक संकट के मद्देनजर एक अप्रैल के बाद वहां खर्च स्वीकृत करने के लिए अध्यादेश जारी कर सके।

उत्तराखंड विनियोग अध्यादेश की जगह लेने के लिए बाद में संसद ने एक विधेयक को पारित किया।

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