खुदमुख्तार बनी पंचायत, बहुओं को पेड़ से बांधकर दी कोड़ों की सजा
पंचायतों के तुगलकी फरमान कानून व व्यवस्था पर भारी पडऩे लगे हैं। इसका एक और उदाहरण रविवार को छजलैट क्षेत्र में देखने को मिला जहां दो महिलाओं के हाथ पेड़ से बांधकर उनको 20-20 कोड़े मारने की सजा केवल इस बात पर दी गई कि उनका सास से झगड़ा हो
मुरादाबाद, [सुधीर मिश्र]। पंचायतों के तुगलकी फरमान कानून व व्यवस्था पर भारी पडऩे लगे हैं। इसका एक और उदाहरण रविवार को छजलैट क्षेत्र में देखने को मिला जहां दो महिलाओं के हाथ पेड़ से बांधकर उनको 20-20 कोड़े मारने की सजा केवल इस बात पर दी गई कि उनका सास से झगड़ा हो गया था। उन्हें तब छोड़ा गया जब मार खाते खाते वे अचेत हो गईं।
क्षेत्र के गांव सलावा में सास और दो बहुओं के बीच विवाद हो गया था। मामला बढऩे पर समाज के लोगों ने पंचायत में फैसले की बात कही। पंचायत में सरपंचों ने दोनों बहुओं और सास की बात सुनी। पंचों ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए दोनों बहुओं को बीस-बीस कोड़े मारे जाने की सजा दी। दोनों बहुएं रोती रहीं, गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन जबरदस्ती ग्रामीणों और परिवार वालों ने दोनों के हाथ नीम के पेड़ से बांध दिए। इसके बाद शुरू हुआ बीस-बीस कोड़े मारने का सिलसिला। हर कोड़े पर दोनों बहुओं की चीख निकली। वे बचाने की मिन्नतें करती रहीं। अगली बार गलती न करने की भी गुहार लगाई, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।
कुछ लोगों ने विरोध किया तो उन्हें सरपंचों का फैसला कहकर शांत करा दिया गया। सजा पूरी होने के बाद दोनों महिलाएं अचेत हो गईं। उसके बाद दोनों को बंधन मुक्त किया गया। इसपर किसी को पछतावा होता बजाय इसके बिरादरी के पंच चन्ना, गोपाल, जय सिंह ने कहा कि बिरादरी में उनका जो फैसला होता है, उसके अनुसार दंड दिया जाता है। उनके बनाए कानून ही बिरादरी में चलते हैं, लिहाजा वे किसी कानून को नहीं मानते।
[आज हर जगह नारी सशक्तीकरण की बात हो रही है, लेकिन मुरादाबाद के छजलैट क्षेत्र के गांव सलावा में दूसरी ही तस्वीर दिखाई दी जब पंचायत के फैसले के बाद दो बहुओं को पेड़ से बांधकर कोड़े मारे जाने की सजा सुनाई गई। महिलाएं रोती रहीं, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। छाया: जागरण]
थानाध्यक्ष अनजान
थानाध्यक्ष छजलैट मुस्तकीम अली ने तो इस प्रकार की कोई घटना होने से ही इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की घटना की जानकारी नहीं है। जब पूरे गांव के सामने इस प्रकार की घटना हुई तो थानाध्यक्ष को पता तक न होना भी सरकारी मशीनरी की क्रियाशीलता को समझने के लिए काफी है।
पुलिस करेगी कार्रवाई
महिलाओं के मायके वालों से मुकदमा कराया जाएगा। अगर फिर भी नहीं होता है तो पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज कराकर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। -लव कुमार, एसएसपी