व्यापमं घोटाला : दो आरोपियों की मौत पर गौर का विवादास्पद बयान
24 घंटे के भीतर व्यापमं के पीएमटी फर्जीवाड़े में गिरफ्तार दो आरोपियों की मौत हो गई। एक आरोपी डॉ. नरेंद्र सिंह की मौत शनिवार रात साढ़े 11 बजे इंदौर में हुई। वह जिला जेल में सजा काट रहा था। जबकि दूसरी मौत रविवार को ग्वालियर के बिरला अस्पताल में भर्ती
इंदौर, ग्वालियर/मुरैना। 24 घंटे के भीतर व्यापमं के पीएमटी फर्जीवाड़े में गिरफ्तार दो आरोपियों की मौत हो गई। एक आरोपी डॉ. नरेंद्र सिंह की मौत शनिवार रात साढ़े 11 बजे इंदौर में हुई। वह जिला जेल में सजा काट रहा था। जबकि दूसरी मौत रविवार को ग्वालियर के बिरला अस्पताल में भर्ती डॉ. राजेंद्र आर्य की हुई। वो 10 माह से जमानत पर था।
इस मामले में राज्य के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने एक बार फिर से विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने इन मौतों की जांच करवाने से साफ इंकार करते हुए इन्हें पूरी तरह से प्राकृतिक बताया। उन्होंने कहा कि मौत पर किसी का वश नहीं है वह कभी भी आ सकती है। जो आया है वह जाएगा ही, बीमारी की वजह से रोज कैदी मरते हैं, लिहाजा इसमें जांच की जरूरत नहीं है। वहीं दूसरी आेर कांग्रेस ने इन मौतों की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है।
एसआईटी से जुड़े सीएसपी आकाश भूरिया ने बताया कि लीवर में इंफेक्शन होने के कारण डॉ. आर्य को बिड़ला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। 10 दिन से इनकी हालत ज्यादा खराब थी। इस मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि कहा कि पूरा देश व्यापम घोटाले पर निगाह गड़ाए हुए है।
शनिवार रात उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला जेल से सिपाही एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे थे। संयोगितागंज पुलिस के मुताबिक डॉक्टर तोमर को सीने में तेज दर्द उठा था। इलाज के महज 15 मिनट बाद उसकी मौत हो गई थी। पीएम रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन हार्टअटैक की संभावना जताई जा रही है।
इन दोनों मौतों को मिलाकर पीएमटी फर्जीबाड़े में फंसे 43 आरोपियों की मौत हो चुकी है। जिसमें 25 सॉल्वर और दलाल हैं। इधर, इस मामले को लेकर व्यापमं घोटाले में फंसी प्रदेश सरकार को कांग्रेस ने एक बार फिर घेरते हुए जेल में बंद पूर्व मंत्री सहित हाईप्रोफाइल आरोपियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उधर, इस मामले में पहले ही हाईकोर्ट ने आरोपियों की मौतों की जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा रखा है। जबकि इसमें अब प्रदेश से बाहर हुई सात मौतों की वजह एसआईटी पता करेगी।
परिजन ने लगाया हत्या का आरोप
नाम: नरेंद्र सिंह तोमर, 30 वर्ष
मुरैना के पोरसा गांव में रहने वाला नरेंद्र रायसेन के गैरतगंज स्थित बेटरनरी कॉलेज में असिस्टेंट डाक्टर था।
आरोप: पीएमटी फर्जीवाड़े में छात्र के एडमिशन के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।
परिजन का आरोप:
नरेन्द्र किसी बड़े आदमी का नाम बताने वाला था इसलिए कर दी गई हत्या डॉ. नरेन्द्रसिंह तोमर पीएमटी कांड में किसी बड़े आदमी का नाम बताने वाला था। एक-दो दिन में उसकी जमानत होने वाली थी। जमानत मिलने से पहले ही जेल में हत्या कर दी गई।
अब जेल प्रबंधन व पुलिस बेशक इसे बीमारी से हुई मौत बताए, लेकिन मेरे बेटे की सोची समझी साजिश के तहत हत्या की गई है। इसकी सीबीआई जांच होना चाहिए। इंदौर में पदस्थ सीएसपी अजय जैन पर बेटे से सात लाख रुपए मांगे थे। नहीं देने पर केस बिगाड़ने की धमकी थी।
कैलाश सिंह तोमर , डॉ. नरेंद्र पिता ने लगाए।
अभिषेक त्रिपाठी के एसएमएस ने बढ़ाई संदिग्धता
डॉ. तोमर की बहन सुमन के मोबाइल पर शनिवार रात दो बजे 88171-86788 से एसएमएस आया, जिसमें लिखा था कि नरेंद्र को एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, आप जल्दी से आ जा जाएं। साथ ही इस नंबर से 13 मिस्ड कॉल भी आए। ट्रू डायलर सॉफ्टवेयर यह नंबर किसी अभिषेक त्रिपाठी का बता रहा है। हालांकि इस नंबर पर बात करने का प्रयास किया गया, फोन रिसीव तो हुआ, लेकिन किसी ने बात नहीं की।
ग्वालियर के अस्पताल में मौत
डॉ. राजेंद्र आर्य, उम्र
मूल रूप से सागर निवासी डॉ.राजेंद्र आर्य जबलपुर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थे। पीएमटी कांड में इनकी गिरफ्तारी होने के बाद इन्हें निलंबित कर दिया था।
आरोप: आरोपी ने वर्ष 2008 में छात्र गौरव चौधरी व विश्वनाथ सिंह गुर्जर का सिलेक्शन फर्जीवाड़े से कराया था।
(साभार : नई दुनिया)