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मौसम के तेवर तल्ख, किसानों का भारी नुकसान

वर्षा ऋतु समाप्त हो गई किंतु खेत सूख नहीं पा रहे हैं। हर कुछ दिनों बाद हो रही बारिश कई राज्यों में तबाही मचा रही है। जब किसानों के फसल काटने का मौसम आया तो बारिश बाधा बन रही है। खेतों में फसल बारिश की मार से ढह रही है। जिन किसानों ने खेत काट लिए हैं उनका अनाज भी खलिहान या मंडी में बारिश का शिकार हो रहा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह सब पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहा है। आम तौर पर साल में 15 या 20 बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है किंतु इस वर्ष यह अब तक 35 बार स

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 01:28 AM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 10:36 AM (IST)
मौसम के तेवर तल्ख, किसानों का भारी नुकसान

नई दिल्ली [जेएनएन]। वर्षा ऋतु समाप्त हो गई किंतु खेत सूख नहीं पा रहे हैं। हर कुछ दिनों बाद हो रही बारिश कई राज्यों में तबाही मचा रही है। जब किसानों के फसल काटने का मौसम आया तो बारिश बाधा बन रही है। खेतों में फसल बारिश की मार से ढह रही है। जिन किसानों ने खेत काट लिए हैं उनका अनाज भी खलिहान या मंडी में बारिश का शिकार हो रहा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह सब पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहा है। आम तौर पर साल में 15 या 20 बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है किंतु इस वर्ष यह अब तक 35 बार सक्रियता दिखा चुका है।

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उत्तर प्रदेश में 19 लोग मौसम के तेवर के शिकार होकर अपनी जिंदगियां गवां बैठे। लखनऊ में पेड़ व दीवार ढहने की घटनाओं में दो मासूमों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। बाराबंकी में पांच, सीतापुर में आकाशीय बिजली, पेड़ व दीवार गिरने से तीन लोगों की जान चली गई। वहीं आम की फसल, गेहूं व अरहर की फसल प्रभावित हुई है। गोंडा में आंधी से पेड़ गिरने से बाराबंकी से ट्रेनों का संचालन शाम को प्रभावित हो गया। फैजाबाद में गिरी दीवार से दबकर बालिका की मौत हो गई। इसके अलावा एटा में आंधी से एक महिला व एक बुजुर्ग की मौत हो गई। फर्रुखाबाद में पांच लोगों की मौत हो गई।

लखनऊ में आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि राजस्थान पर विकसित कम दबाव के क्षेत्र की वजह से मौसम ने करवट ली है।

पंजाब के कई शहरों में आई आंधी और बारिश से गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। बुधवार आधी रात के बाद अचानक बरसात आफत बनकर बरसी। मंडियों में पहुंचा गेहूं भीग कर नष्ट हो गया। किसानों का कहना है कि बारिश से कई लाख किला (भूमि का पैमाना) फसल नष्ट हो गई। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय व चंडीगढ़ के मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले दो दिन किसानों के लिए अच्छे नहीं हैं। पंजाब व इसके साथ लगते क्षेत्रों में वेस्टर्न डिस्टर्बेस के चलते 19 अप्रैल तक बारिश की संभावना बनी हुई है।

वर्षा एवं बर्फबारी से पहाड़ फिर कंपकंपाने लगा है। बारिश से गेहूं के साथ आम-लीची की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। गुरुवार को भी उत्तराखंड में यह सिलसिला जारी रहा। चारधाम समेत उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व चमोली की ऊंची पहाड़ियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली।

हिमाचल प्रदेश फिर सर्दी की चपेट में आ गया है। बुधवार देर रात शुरू हुई बारिश गुरुवार को भी शाम तक नहीं थमी। प्रदेश के मैदानी इलाकों में जहां वर्षा मुसीबत बनी वहीं ऊपरी क्षेत्रों में हिमपात दर्ज किया गया है। जम्मू-कश्मीर में भी मौसम सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है। गुरुवार को भी उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला जारी रहा। मौसम विभाग की मानें तो अगले चंद दिनों तक भी सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। वहीं, लोग अब दरगाहों व खानकाहों का रुख कर मौसम की बेहतरी के लिए खुदा से प्रार्थनाएं करने लगे हैं।

हरियाणा के कई जिलों में अंधड़, ओलावृष्टि व बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। मूसलधार बारिश के कारण मंडियों पड़ा गेहूं कई जगह पूरी तरह पानी में डूब गया। कुरुक्षेत्र में लाखों क्विंटल गेहूं बरसात की भेंट चढ़ गया।

तूफान की वजह से गुड़गांव के बीजना गांव में बिजली टॉवर पर काम कर रहे पांच मजदूर नीचे गिर गए। हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई है। उसकी पहचान भागलपुर (बिहार) के लतरा गांव निवासी ललन यादव के रूप में हुई है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार तक बादल छाए रहने व बरसात की संभावना है।

पढ़ें : बदले मौसम ने ली 16 की जान, फसल चौपट


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