ट्रैवल ब्लाॅगर्स करा रहे हैं यादगार तस्वीरों के जरिए दुनिया की वर्चुअल सैर, आप भी करें
महिला ट्रैवलर्स का अपने ब्लॉग पर अपनी खिंची तस्वीरों के साथ देश-दुनिया की वर्चुअल सैर करवाना लॉकडाउन के बीच वरदान साबित हो रहा है।
नई दिल्ली [यशा माथुर]। आपने लहरों की आवाज कब सुनी थी, लीजिए नीदरलैंड्स के समुद्र का किनारा देखिए। पहाड़ बुला रहे हैं लेकिन अभी जाने का नहीं है, यहीं देखिए हिमालय का मनोरम दृश्य। कश्मीर की शेषनाग झील को देखिए, 3590 मीटर की ऊंचाई पर है, ऐसा माना जाता है कि शेषनाग अभी भी यहीं बसते हैं।
सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह के स्टेटस डाल रहे हैं घुमक्कड़ी के शौकीन लोग। इस कोराना समय में वे किसी को पहाड़ चढ़ने या समंदर पार घूमने की सलाह तो नहीं दे रहे लेकिन हर दिन अपनी यादों में बसी खूबसूरत दुनिया की वर्चुअल सैर जरूर करवा रहे हैं। अपनी यादगार तस्वीरों के जरिए वे यात्राप्रेमियों को बता रहे हैं कि जल्दी ही दिन बहुरेंगे और हम घूमने निकलेंगे।
कहीं ढलती शाम में ग्रीस की तस्वीर, कहीं इटली की चमकदार सुबह का नजारा तो कहीं लंदन में खिले फूलों के बीच गुजरता दिन। इस तरह की तस्वीरें ओर उनकी विवेचना न केवल उस देश की खासियतें बता रही हैं बल्कि यात्राओं के लिए ललचा भी रही हैं। लेकिन अभी हमें इनसे ही अपना मन भरना है। इंटरनेट के जरिए ही इनकी सुंदरता को निहार कर अपनी दिल की इच्छा को पूरा कर रलेना है।
महिला ट्रैवलर्स का अपने ब्लॉग पर अपनी खिंची तस्वीरों के साथ देश-दुनिया की वर्चुअल सैर करवाना लॉकडाउन के बीच वरदान साबित हो रहा है। इससे जहां लोगों में ऊब खत्म हो रही है वहीं ट्रैवल के प्रति पनप रही निराशाओं के बादल भी छंट रहे हैं। यह महिला ब्लॉगर्स अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कई तरह की गतिविधियां चला रही हैं।
तूफान चला जाएगा
पिछले साल हिंदुस्तान के सात राज्यों ओर आठ विदेश यात्राओं के बहाने 85,000 किमी की हवाई यात्राएं करने वाली ट्रैवल इंफ्लुएंसर और ब्लॉगर अलका कौशिक इन दिनों अपने फॉलोअर्स को ट्रैवल की सलाह तो नहीं दे रहीं लेकिन यह जरूर बता रही हैं कि आने वाले समय में ट्रैवल कैसा होगा? कैसे इसकी शुरुआत होगी। वे कहती हैं, 'कोई तूफान हमेशा बना नहीं रहता। यह आया है और चला भी जाएगा।
हमें अपने आपको तैैयार रखना है कि इस तूफान के बाद हम कैसे अपनी यात्राएं शुरू कर सकेंगे। कैसे निराशा से बाहर निकलेंगे। कैसे सुरक्षित यात्राएं कर सकेंगे? मैं उनको गाइड कर रही हूं और यात्राओं के प्रति अपनी उम्मीदें नहीं खोने को कह रही हूं। मैं उनसे कह रही हूं कि स्थितियां अनुकूल होने पर शुरू में आप सेल्फ ड्राइव यात्राएं कर सकते हैं। बड़े होटलों में रूकने के बजाए छोटे होम स्टे में रूक सकते हैं ताकि कई चीजें अपने नियंत्रण में रख सकें। पुराने तरीकों की तरह अपने घर से नाश्ता बना कर निकल जाएं। इस संक्रमण के प्रभाव को कम करने की िदिशा में ही मेरी सलाह रहती है।।
आ रहे वर्चुअल प्लेटफॉर्म
बुरा दौर आया है तो अच्छा दौर भी फिर से लौटेगा। दुनिया बहुत बदलेगी, पहले जैसी बेफिक्री शायद न रहे। लेकिन हमें नए तरीके इजाद करने होंगे, नई सम्भावनाएं खोजनी होंगी। मुझे उम्मीद है कि एक बार कोरोना नियंत्रण में आने के बाद भारत पर्यटन के क्षेत्र में बहुत जल्द वापसी करेगा। ट्रैवलर्स की इस तरह की टिप्पणियां निश्चित रूप से हौसला बढ़ाती हैं।
ब्लॉगर ओर ट्रैवलर ही नहीं कई देश के पर्यटन विभाग भी वर्चुअल टूर करवा रहे हैं। हाल ही में अबू धाबी के संस्कृति और पर्यटन विभाग ने भी एक नया वर्चुअल प्लेेटफॉर्म लॉन्च किया है। इसमें लोगों को वहां की संस्कृति के बारे में दिखाया जाता है ताकि आने वाले समय में वहां जाना चाहें। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने भी 'देखो अपना देश' नाम से एक वेबिनार शुरू किया है। इस शो को एक्सपर्ट होस्ट करते हैं और देश की कई मशहूर जगहों के बारे में बताते हैं।
ट्रैवल ब्लॉगर गार्गी मनीष कहती हैं कि हमने भी 'बातें बिहार की' शुरू किया है जिसमें ट्रैवल से जुड़े लोगों को शामिल किया हैं। पिछले साल इस समय हम जहां-जहां गए थे वहां की पोस्ट डाल रहे हैं और लोगों को घूमने का मजा दे रहे हैं। हम पिछले साल अप्रैल में खुजुराहो गए थे, वहां की तस्वीरें बेजोड़ हैं। उन्हें भी हमने शेयर किया है।'
इटली से श्रीलंका तक
सोलो महिला ट्रैवलर रेनुुका वाल्टर फेसबुक पर लिखती हैं कि सोलो महिला ट्रैवलर्स के लिए यह ऑफबीट जगहों पर जाने की लिस्ट बनाने का समय है। 'द टेल्स ऑफ ए ट्रैवलर' की स्वाति नायक इटली के टस्कनी क्षेत्र के गरम पानी के झरनों की सैर अपनीी ब्लॉग पोस्ट से करवाती हैं। वहीं 'क्रेेजी बटरफ्लाई डॉट कॉम' की फाउंडर वैदेही गीते श्रीलंका के छोटे से कस्बे कैंडी की कहानी सोशल मीडिया पर दिखाती हैं। इसी प्रकार से घुमक्कड़ी में रत रहने वाली महिला ब्लॉगर्स ने लॉकडाउन में देश-विदेश की खूबसूरत जगहों की वर्चुअल सैर करवा रही हैं।
जूम पर घुमक्कड़ी की बातें
हम जूम मीटिंग्स कर रहे हैं और उनकी रिकॉर्डिंग को यू-ट्यूब और इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइट्स पर डाल रहे हैं। जूम मीटिंग्स में ज्यादातर वही लोग आते हैं जो यात्राओं से ताल्लुक रखते हैं। ग्रामीण यात्राओं के बारे में लिखने वाले लेखक या यात्राओं से जुड़े मनोविज्ञान पर बात करने वाले विशेषज्ञों को हमने इन वर्चुअल बैठकों से जोड़ा है। अब यात्रा के जरिए कलाओं को बढ़ावा देने वालों से बात करने की योजना है।
हम इन्हें पॉडकास्ट में भी रिलीज करेंगे। जो विजुअल न देखना चाहें वे ऑडियो के जरिए भी सुन सकते हैं। हम लोगों को वर्चुअल टूर करा रहे हैं, यात्रा अनुभवों से लोगों को अवगत करा रहे हैं। यह बता रहे हैं कि जब यह मुश्किल समय खत्म हो जाएगा तो हम फिर से कैसे यात्राएं शुरू कर सकेंगे। अभी तक कई पोस्ट डाल चुके हैं। पहले समय की कमी के चलते बहुत सी जगहों के बारे में अपने ब्लॉग पर लिख नहीं पाए थे अब उन्हें लिख कर सबके सामने ला रहे हैं। (गार्गी मनीष ब्लॉग- दो घुमक्कड़)
पर्यटन की तैयारी है
मैं अपने सोशल अकाउंट्स पर निराशा के उस माहौल को खत्म करने की कोशिश कर रही हूं जिसमें लोग कह रहे हैं कि अब तो सब खत्म हो गया है अब क्या करेंगे। उनसे कहती हूं कि समय बदलेगा और इसे बदलना ही होगा क्योंकि हम आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से अपने कोकून में बंधे रह ही नहीं सकते हैं। मैं मेंटल हेल्थ की भी बात कर रही हूं। इसके अलावा बता रही हूं कि कैसे इंटरनेशनल ट्रैवल को खोलने की तैयारी चल रही है। जैसे आइसलैंड ने जून से अपने देश की सीमाएं पर्यटकों के खोलने की तैयारी कर ली है।
यह विश्वास बहाली की घोषणा है। मैं अतुल्य भारत के वेबिनार 'देखो अपना देश' के तहत अपने गृहराज्य उत्तराखंड पर वेबिनार करने वाली हूं। उत्तराखंड में सोशल डिस्टेंसिंग अपने आप हो जाएगी क्योंकि आबादी कम है। वहां के लागों ने पर्यटकों का स्वागत करने की तैयारी शुरू कर दी है। होटल्स अपने स्टाफ को सेनेटाइजिंग ओर हाइजीन का प्रशिक्षण दे रहे हैं। जब ट्रैवल शुरू होगा तो डरने की जरूरत नहीं रह जाएगी। हम खुद तो सावधानी बरतेंगे लेकिन इस सेक्टर के लोग भी अपनी तैयारी पूरी तरह से कर रहे हैं। मैं ऐसे काम कर रही हूं जिनका दूरगामी प्रभाव हो।
स्थितियों को व्यापक तौर पर देख रही हूं। मैंने महामारी पर एक शोधपरक लेख भी तैयार किया है जो जल्दी ही एक पोर्टल पर शुरू होगा। मेरे ससुराल बिजनौर से हिमालय का दृश्य साफ दिखाई दे रहा है तो लॉकडाउन खुलते ही सबसे पहले हम अपने वाहन से अपने घर जाऐंगे। छोटी-छोटी यात्राओं से हम अपनी ट्रैवल की लत को जारी रखेंगे। हम सुरक्षा के हर नियम का पालन करेंगे। कम दूरी की यात्राएं करेंगे और यही संदेश मैं सभी को दूंगी।
(अलका कौशिक ब्लॉग- लाइफ इन ट्रांजिट)
ड्रॉइंग के जरिए यात्रा का लुत्फ
मैंने ट्रैवल आर्ट जर्नल शुरू किया है। ट्रैवल और आर्ट को मिला कर इसे बना रही हूं। जहां-जहां घूमी हूं वहां के भवन और दृृश्य ड्रॉइंग कर के बनाऊंगी। इसमें अभी मैंने दुबई की पोस्ट डाली है। इसके अलावा थ्रो बैक थर्सडे, फ्लैशबैक फ्राइडे जैसे हैशटैग के साथ मैं वे यात्राओं तस्वीरें डाल रही हूं।
मैंने सोचा है कि विश्व की जो हैरीटेज साइट्स हैं उनके को ब्लैक एंड व्हाइट में बना कर टि्व्टर और फेसबुक पर एक श्रृखंला की तरह पोस्ट करूंगी ताकि लोग घर बैठे उनका लुत्फ उठा सकें और उन्हें अपने जेहन में संजो सकें। जब तक हमारी यात्राएं शुरू नहीं होती है तब तक मैं अपने इन आइडियाज पर काम करती रहूंगी ताकि लोग पुरानी याादों से नई यात्राओं का मजा ले सकें। (शोमा अभ्यंकर, ट्रैवल राइटर)