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वीर सावरकर की 132वीं जयंती आज, पीएम समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रखर राष्ट्रवादी नेता विनायक दामोदर सावरकर की आज जयंती है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री के अलावा अरूण जेटली, रविशंकर प्रसाद समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन ने भी ट्विटर

By anand rajEdited By: Published: Thu, 28 May 2015 11:06 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 11:31 AM (IST)
वीर सावरकर की 132वीं जयंती आज, पीएम समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रखर राष्ट्रवादी नेता विनायक दामोदर सावरकर की आज १३२ वीं जयंती है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री के अलावा अरूण जेटली, रविशंकर प्रसाद समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन ने भी ट्विटर पर उनके प्रति अपने बातें रखीं और श्रद्धांजलि दी। वीर सावरकर के इस खास जन्मदिन पर सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने हैसटैक के साथ वीरसावरक ट्रेंड कर रहे हैं।

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वीर स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक के गांव भागुर में हुआ था। महाराष्ट्र में उनका मान-सम्मान महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की तरह है। वीर सावरकर महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, दूरदर्शी राजनेता तथा प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी नेता थे।

सावरकर ने बचपन में अपने मां-बाप को खो दिया था जिसके बाद उनके बड़े भाई ने उनकी परवरिश की। उन्होंने पुणे के फग्रयुसन कॉलेज से बी.ए. किया। उन्होंने सन 1857 में लड़े गए पहले भारतीय स्वाधीनता संग्राम पर किताब लिखी है। स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के दौरान उनकी मुलाकात क्रांतिकारी लाला हरदया से हुई जिसके बाद वह कट्टर क्रान्तिकारी बन गये। अपने जीवन काल में उन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उसी दौरान उनकी मुलाकात आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेगडेवार से हुई। उनसे हुई मुलाकात ने उन्हें हिन्दू समाज की उन्नति के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य दिया।

देश के आजाद होने के बाद उन्होंने हिन्दू समाज में फैले अनाचार और कुरीतियों के खिलाफ जंग लड़नी शुरू कर दी। भारत माता के इस महान सपूत ने आमरण अनशन का सहारा लेते हुए 26 फरवरी 1966 में अपनी अंतिम सांस ली।

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