Move to Jagran APP

26/11 : 'आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का'

26/11 हमले की आज छठी बरसी है। 26 नवंबर, 2008 की शाम 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। इसमें 164 निर्दोष लोग मारे गए थे। इस आतंकी हमले ने पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया था। इस घटना के बाद ही पूरे विश्व में आतंकवाद के खिलाफ

By vivek pandeyEdited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 09:25 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 03:22 PM (IST)
26/11 : 'आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का'

मुंबई। 26/11 हमले की आज छठी बरसी है। 26 नवंबर, 2008 की शाम 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। इसमें 164 निर्दोष लोग मारे गए थे। इस आतंकी हमले ने पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया था। इस घटना के बाद ही पूरे विश्व में आतंकवाद के खिलाफ एक महौल बना। इस दौरान मुंबई में पुलिस मेमोरियल पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजली अर्पित की गई।

loksabha election banner

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने और मानवता के लिए खतरनाक चीज को पूरी तरह से समाप्त करने को लेकर प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का दिन है। पीएम मोदी ने कहा कि हम उन वीर जवानों और अधिकारियों को सलाम करते हैं जिन लोगों ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। वे ही हमारे असली हीरो हैं। हम उस दिन को याद करते हुए उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो इस आतंकी हमले में मारे गए थे।

गौरतलब है कि पाकिस्तान ही मुंबई हमले के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है लेकिन वह हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में खुला घूम रहा है और बराबर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है। साथ ही पाकिस्तान की अदालत में हमले के जिम्मेदार आतंकियों के खिलाफ केस चल रहा है लेकिन मामला तनिक आगे भी नहीं बढ़. पाया है। इन्हीं बातों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मसले को सार्क सम्मेलन में अठाएंगे और पाकिस्तान से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहेंगे।

मुंबई हमले के दौरान आतंकियों से लड़ते हुए हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक कॉम्टे जैसे मुंबई पुलिस के शीर्ष अधिकारी शहीद हो गए थे। पुलिस और एनएसजी जवानों की जवाबी कार्रवाई में लश्कर के नौ आतंकी मारे गए थे। जबकि अजमल कसाब नाम का एक आतंकी जिंदा पकड़ा गया था। नवंबर, 2012 में उसे फांसी दी गई।

पढ़ें : 26/11 के छह साल, पीएम सार्क में उठा सकते हैं मुद्दा

पढ़ें : अच्छे हथियार होते तो बच जाती पुलिसकर्मियों की जान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.