तंबाकू की आदत छोड़नी है तो डायल करें ये नंबर
तंबाकू की जानलेवा आदत के खिलाफ एक और कदम बढ़ाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह लत छोड़ने वालों की मदद के लिए एक विशेष हेल्पलाइन शुरू की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तंबाकू की जानलेवा आदत के खिलाफ एक और कदम बढ़ाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह लत छोड़ने वालों की मदद के लिए एक विशेष हेल्पलाइन शुरू की है। यहां लोगों को ना सिर्फ फोन पर मनोवैज्ञानिक सलाह मिल सकेगी, बल्कि वे काउंसलिंग के लिए अलग से अप्वाइंटमेंट ले सकेंगे और साथ ही उन्हें स्वयं सहायता सामग्री भी उपलब्ध करवाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने गैर सरकारी संगठनों से अपील की है कि वे तंबाकू के खतरे से लोगों को आगाह करने में सरकार की मदद करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मदद से दिल्ली के वल्लभ भाई पटेल चेस्ट अस्पताल ने तंबाकू की लत छोड़ने के लिए यह विशेष 'क्विट-लाइन' शुरू की है। देश भर से लोग 1800112356 नंबर पर फोन कर प्रशिक्षित काउंसलर से बात कर सकते हैं। दुनिया भर में पाया गया है कि अगर तंबाकू की लत छोड़ने के इच्छुक लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से मदद की जाए और सही तरीके बताए जाएं तो उनकी सफलता की दर काफी बढ़ जाती है।
शुरुआत में यह सेवा मंगलवार से रविवार सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक उपलब्ध होगी। आगे इसे चौबीस घंटे चलाने की योजना है। हालांकि देश में तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वालों की संख्या को देखते हुए अभी इसमें काउंसलरों की संख्या बहुत कम है। शुरुआत में हर शिफ्ट में सिर्फ छह पेशेवर काउंसलर काम करेंगे। इस हेल्पलाइन पर यह सुविधा भी दी गई है कि अगर कॉल करने वाले चाहें तो उन्हें वापस कॉल बैक किया जाएगा। इसी तरह यहां से लोग स्वयं सहायता सामग्री भी हासिल कर सकेंगे। जिन लोगों को तंबाकू की लत होती है, उन्हें यह आदत छोड़ते समय कई तरह की दिक्कतें होती हैं। शरीर को लगातार निकोटीन की जरूरत महसूस होती रहती है। यह नहीं मिलने पर सर दर्द, पेट दर्द, डिप्रेशन, गला सूखना या मुंह सूखना जैसे कई लक्षण हो सकते हैं। उन्हें इस स्थिति से निपटने के तरीके तो बताए ही जाएंगे, साथ ही कई कारगर तकनीक भी बताई जाएंगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गैर सरकारी संगठनों से अपील की है कि वे तंबाकू के खतरे को ले कर लोगों को आगाह करने में सक्रियता दिखाएं। उन्होंने इस लिहाज से खास तौर पर स्कूलों पर ध्यान देने की अपील की है। अगर बच्चों को शुरुआत से ही इसके खतरे के बारे में बताया गया तो वे खुद तो सजग रहेंगे ही, अपने परिवार के बड़ों को भी इस आदत से बचा सकेंगे।