लोकसभा में भिड़े तृणमूल और भाजपा के सदस्य
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पहले दो दिनों में ही दिखने लगा है कि वर्तमान बजट सत्र सरकार के लिए आसान नहीं होगा। विपक्षी दलों में जहां मुख्य विपक्ष के रूप में दिखने की होड़ शुरू हो गई है वहीं सत्ताधारी भाजपा में बड़ी संख्या में पहली बार जीतकर आए सदस्यों का उत्साह भी नियंत्रण की सीमा पार करने लगा है। ऐसे में मंगलवार को लोकसभा के अंदर लोकतंत्र शर्मसार हुआ जब भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तनाव इतना बढ़ा कि मारपीट तक की स्थिति बन गई। संकेत स्पष्ट हैं कि आने वाले दिनों में भी खासकर तृणमूल शायद ही सहयोगी रुख अपनाए।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पहले दो दिनों में ही दिखने लगा है कि वर्तमान बजट सत्र सरकार के लिए आसान नहीं होगा। विपक्षी दलों में जहां मुख्य विपक्ष के रूप में दिखने की होड़ शुरू हो गई है वहीं सत्ताधारी भाजपा में बड़ी संख्या में पहली बार जीतकर आए सदस्यों का उत्साह भी नियंत्रण की सीमा पार करने लगा है। ऐसे में मंगलवार को लोकसभा के अंदर लोकतंत्र शर्मसार हुआ जब भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तनाव इतना बढ़ा कि मारपीट तक की स्थिति बन गई। संकेत स्पष्ट हैं कि आने वाले दिनों में भी खासकर तृणमूल शायद ही सहयोगी रुख अपनाए।
लोकसभा में नेता विपक्ष के पद को लेकर कांग्रेस की ओर से बढ़ाए जा रहे दबाव के बीच संसद में तृणमूल सबसे ज्यादा उग्र है। मंगलवार को महंगाई पर चर्चा शुरू हुई तो तृणमूल के सदस्यों ने वेल में आकर 'मोदी हाय-हाय, रेल बजट हाय-हाय' का नारा लगाना शुरू कर दिया। पार्टी की महिला सदस्यों ने वेल में सरकारी पक्ष की ओर जाकर नारा लगाया। इस पर सामने बैठे घोसी से भाजपा सांसद हरिनारायण राजभर ने इशारे के साथ टिप्पणी की।
तृणमूल सदस्यों का आरोप था कि राजभर ने महिला सांसदों की पिटाई करने की अभद्र टिप्पणी की थी। उस कथित टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। शोर-शराबे में कार्यवाही स्थगित कर दी गई। लेकिन, कुछ देर के लिए पूरा सदन अखाड़े में बदल गया। मंत्री कलराज मिश्र, प्रकाश जावड़ेकर, सांसद अनुराग ठाकुर और मार्शलों ने दौड़कर बीच-बचाव न किया होता तो स्थिति मारपीट तक पहुंच सकती थी।
काफी देर की मशक्कत के बाद स्थिति संभली तो तृणमूल सदस्यों ने सदन के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देकर विरोध जताया और भाजपा के विरोध में नारे लगाए।
कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो तृणमूल के वरिष्ठ सदस्य सौगत राय ने नियम का हवाला देते हुए राजभर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बताते हैं कि लोकसभा अध्यक्ष ने पूरी घटना की जानकारी मांगी है। हालांकि सरकारी सूत्रों की मानें तो वह उस कथित टिप्पणी को भी कार्यवाही के लायक नहीं मानते। दरअसल, घटना उस वक्त हुई थी जब सदन की कार्यवाही स्थगित थी। बहरहाल, संकेत हैं कि आने वाले दिनों में विपक्ष और हमलावर हो सकता है और सरकार के लिए सदन में सामान्य स्थिति बनाए रखना चुनौती हो सकती है।